कैथल, 5 जुलाई (हप्र)
सरकारी और निजी आईटीआई में जिन कोर्सों में 2 साल तक दाखिला नहीं हो रहा, उन्हें बंद किया जाएगा। महानिदेशालय ने ऐसे कोर्सों को डि-एफिलिएट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस श्रेणी में देश में चलाए जा रहे राजकीय और प्राइवेट आईटीआई के हजारों व्यवसाय यूनिट शामिल होंगे। निदेशालय के इन आदेशों से सरकारी व प्राइवेट आईटीआई संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से देश के सभी आईटीआई मुखियाओं को पत्र जारी कर आदेश दिए गए हैं कि जिस भी सरकारी या प्राइवेट आईटीआई में चलाए जा रहे किसी भी कोर्स में यदि 2 साल से कोई भी दाखिला नहीं हुआ है तो उन कोर्सों को प्रशिक्षण महानिदेशालय द्वारा डि-एफिलिएट कर दिया जाएगा। महानिदेशालय द्वारा अपनी प्रक्रिया के अनुसार पत्र जारी कर सभी राजकीय और प्राइवेट आईटीआई के सभी मुखियाओं से 3 जुलाई तक रिपोर्ट आदेश दिए गए थे कि इसे लेकर कोई भी अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकता है।
गौरतलब है कि प्रदेश के सरकारी व प्राइवेट आईटीआई में इस प्रकार से सैकड़ों कोर्स चलाए जा रहे थे जिनमें पिछले दो सालों से दाखिला नहीं हुआ। बाद में दो या तीन साल बाद विद्यार्थियों द्वारा दाखिला लिए जाने पर इन कोर्सों को पुन: चला दिया जाता था। इसका फायदा अधिकतर प्राइवेट आईटीआई संचालक उठा रहे थे। वे जब चाहे कोर्स में दाखिला करते थे तथा जब चाहे नहीं करते थे लेकिन अब विभाग के इन आदेशों से आईटीआई मुखियाओं की मनमानी पर रोक लगेगी तथा दो साल तक दाखिला न होने वाले कोर्सों को डि-एफिलिएट कर दिया जाएगा।
कैथल आईटीआई में सभी कोर्स संचालित
आईटीआई के जिला नोडल अधिकारी सतीश मच्छाल ने बताया कि निदेशालय द्वारा सूचना मांगी गई थी। कैथल की आईटीआई में इस श्रेणी के तहत कोई भी कोर्स नहीं आता। सभी कोर्सों में विद्यार्थी बढ़-चढ़कर दाखिला ले रहे हैं।