जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 8 जनवरी
एक ओर बीती रात से लगातार रुक रुककर हो रही बरसात ने किसानों के लिए आसमान से सोना बरसाने जैसा काम किया वहीं आम जन के लिए ठंडक और बढ़ा दी है। जिला में अब तक 35 एमएम बरसात हो चुकी है। गेहूं की फसल के लिए बरसात संजीवनी का काम कर रही है। कृषि जानकारों की माने तो बरसात, साथ में धुंध का आना गेहूं की फसल के लिए शुभ संकेत हैं लेकिन सरसों के लिए थोड़ी सावधानी बरतनी होगी। ऐसे ही सब्जियों के लिए खेतों से पानी निकासी की आवश्यकता है। यदि बरसात के बाद लगातार तेज धूप नहीं पड़ती तो गेहूं की फसल बढ़िया होने की पूरी संभावनाएं हैं। अम्बाला जिला में इस बार 84525 हेक्टर भूमि पर गेहूं तथा करीब 8.1 हजार हेक्टेयर पर सरसों की खेती हो रही है। यह पहली बार है कि सरसों का रकबा यहां तक पहुंचा है। नए साल में हुई बरसात ने किसानों के चेहरों पर रौनक ला दी है। कारण स्पष्ट है कि पारा कम रहने के चलते अब तक गेहूं की फसल की बढ़वार काफी अच्छी चल रही है। बीती रात से हो रही बरसात के साथ सर्द हवाओं के चलने से ठंडक भी बढ़ गई है। लगातार बरसात के बाद कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बंद रही। निचले क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई, खाली पड़े प्लाटों में एक बार फिर से पानी भर गया जो मौसम साफ होने केबाद लोगों के लिए परेशानी का सबब बनेगा।
बरसात के बाद लगातार तेज धूप नुकसानदायक
बरसात के बाद लगातार तेज धूप गेहूं की फसल के लिए हानिकारक हो सकती है। बढ़े तापमान के कारण पीला रतवा आ सकता है। हालांकि आमतौर पर यह 15 फरवरी के आसपास शुरू होती है बीमारी। यह पहाड़ों के रास्ते से यमुना बेल्ट से होता हुआ हरियाणा में प्रवेश करता रहा है जिससे अम्बाला के किसानों को सजग रहने की जरूरत है।
जो बरसात हुई है या आगे होने की संभावनाएं हैं उससे गेहूं की फसल को बड़ी खुराक मिलेगी। अच्छी बरसात से किसानों की एक सिंचाई का पानी बच गया है, वहीं फसल में फुटाव और बेहतर हो सकेगा। सरसों व सब्जी उत्पादकों को कुछ सावधानी रखनी होगी कि पानी खेतों में खड़ा नहीं रहे।
-डॉ. गिरीश नागपाल,
कृषि उपनिदेशक अम्बाला