खारिज मतों का पुनः सत्यापन निर्वाचन अधिकारी का दायित्व
उचाना विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के देवेंद्र चतुर्भुज अत्री को विजयी घोषित किए जाने के लगभग एक साल बाद, जहां 215 डाक मतपत्र खारिज कर दिए गए थे और जीत का अंतर केवल 32 वोटों का था, पंजाब एवं हरियाणा...
उचाना विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के देवेंद्र चतुर्भुज अत्री को विजयी घोषित किए जाने के लगभग एक साल बाद, जहां 215 डाक मतपत्र खारिज कर दिए गए थे और जीत का अंतर केवल 32 वोटों का था, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हिसार के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह का बयान दर्ज किया। उन्होंने जस्टिस अनूप चितकारा की पीठ के समक्ष कहा कि निर्वाचन अधिकारी का दायित्व है कि वह खारिज किए गए मतों का पुनः सत्यापन करे। बृजेन्द्र सिंह ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर करके अत्री के निर्वाचन को चुनौती दी थी। अत्री के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता सत्य पाल जैन ने बृजेन्द्र सिंह के अधिवक्ता से दो घंटे से अधिक समय तक जिरह की।
नौकरशाह से राजनेता बने बृजेन्द्र सिंह ने जस्टिस चितकारा की पीठ के समक्ष दावा किया कि जब अवैध मतों की संख्या (215) जीत के अंतर (32) से अधिक हो गई, तो रिटर्निंग ऑफिसर को ‘अवैध घोषित किए गए मतों का पुनः सत्यापन करना अनिवार्य है।’ बृजेंद्र सिंह ने कहा कि इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी आवश्यक है।