सोनीपत, 3 जुलाई (हप्र)
हिंदू संस्कृति में गुरु को भगवान के समतुल्य माना गया है। गुरु के बिना ब्रह्मज्ञान अथवा मोक्ष की प्राप्ति के बारे में सोचना ही बेमानी होगा। वे अपने ज्ञान से जीवन में अध्यात्म और कर्म का महत्व एवं उपयोगिता, नीति-अनीति के बीच भेद का बोध करवाकर हमें उचित मार्ग पर ले जाने का काम करते हैं। इसलिए गुरु का अर्थ ही अंधेरे से प्रकाश की और ले जाने वाला माना जाता है। उक्त विचार मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार एवं वरिष्ठ भाजपा नेता राजीव जैन ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रामकृष्ण साधना केंद्र में स्वामी दयानंद, गन्नौर में गुप्तिधाम में गुप्ति सागर महाराज, जैन स्थानक में रमेश मुनि तथा गांव गढ़ी बाला में महंत संजय नाथ द्वारा आयोजित कार्यक्रम समेत कई कार्यक्रमों में भाग लेकर गुरुओं की चरण वंदना करते हुए प्रकट किये।
राजीव जैन ने सभी से अपील की कि जन्मदायिनी मां की सेवा हमें जीवन पर्यंत करनी चाहिए क्योंकि प्रथम गुरु मां ही है। उन्होंने कहा कि सच्चा गुरु भी वही है जो शिष्यों को सभी विषयों में पारंगत कर अपनी सेवा में लगाने की बजाय उसे समाज में विचरण करने के लिए छोड़ दें ताकि वह भी अपने ज्ञान का प्रकाश लोगों के बीच फैला सके। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाना तभी सार्थक होगा, जब हम गुरुओं के बताये मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण के लिये कार्य करें।