रोहतक, 14 मई (निस)
गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने पीजीआई में गंभीर हालत में पहुंचे एक मरीज के पेट से लोहे की तेज धार वाली कीलें, पेेच, पत्ती एवं कांच के टुकड़े निकाल कर उसे नया जीवन दिया है। अब मरीज स्वस्थ है। गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ़ प्रवीण मल्होत्रा ने बताया कि एक 26 वर्षीय युवक की एंडोस्कोपी के माध्यम से जीवन और सर्जरी दोनों बचाए गए। उन्होंने बताया कि मरीज ने कुछ लोहे की तेजधार वाली कीलें, पेेच, पत्ती एवं कांच के टुकड़े निगल लिये थे। इसके चलते उसे पेट दर्द होने लगा और उल्टियां आने लगी। मरीज को पहले जिला अस्पताल में दिखाया गया। जब उसके पेट का एक्सरे किया गया तो चिकित्सक उसके पेट में नुकीली चीजें देखकर हैरान रह गए और उसे तुरंत पीजीआईएमएस में रेफर किया गया। डॉ़ मल्होत्रा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एंडोस्कोपी की गई तो उसमें पता चला कि मरीज के पेट में लोहे की कील, पेच, पत्ती एवं कांच के टुकड़े थे और उसमें से कुछ पेट में धंसना शुरू कर चुके थे। मरीज को इन्हें निगले लगभग 10 दिन बीत चुके थे। यदि इन्हें न निकाला जाता तो यह कीलें पेट व आंत को फाड़ सकते थे, जिससे मरीज की इंफेक्शन से जान जा सकती थी। डॉ़ प्रवीण मल्होत्रा ने बताया कि ऐसे में उनके सामने मरीज की जान बचाने के लिए सिर्फ एक तरीका था कि जल्द से जल्द एंडोस्कोपी के माध्यम से इन्हें बाहर निकाला जाए। उन्होंने करीब 20 मिनट की एंडोस्कोपी सर्जरी से इन चीजों को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया।