Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

एक ही कानून के तहत सभी नगर निकायों का एकीकरण

मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्ष्ाता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गये अनेक फैसले

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
मुख्यमंत्री नायब सैनी।
Advertisement

हरियाणा में शहरी शासन को पूरी तरह नया रूप देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सोमवार को यहां हुई मंत्रिमंडल बैठक में हरियाणा नगरपालिका विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी गई। यह नया कानून अब तक लागू दो पुराने कानून - हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 और हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 को पूरी तरह समाप्त कर देगा।

राज्य की 87 नगरपालिकाएं अभी दो अलग-अलग अधिनियमों के तहत चल रही हैं, जिनके कारण प्रशासनिक उलझनें, नियमों की अलग-अलग व्याख्या और सेवाओं में असमानता जैसी समस्याएँ सामने आ रही थीं।

Advertisement

अब पूरे राज्य में एक ही कानून लागू होने से शहरी शासन में एकरूपता और पारदर्शिता आएगी। विधेयक का मसौदा पिछले दो वर्षों में व्यापक विचार-विमर्श और केंद्र सरकार द्वारा जारी मॉडल नगरपालिका कानून के प्रमुख प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इस नए कानून का उद्देश्य नगर निकायों की निर्णय क्षमता बढ़ाना, वित्तीय स्वायत्तता को मजबूत करना, प्रशासनिक अस्पष्टताओं को दूर करना, और शहरी निकायों को आधुनिक जरूरतों के अनुरूप ढालना है। विधेयक नगर निकायों को यह अधिकार देता है कि वे सरकार द्वारा तय न्यूनतम और अधिकतम सीमा के भीतर अपने कर व शुल्क स्वयं निर्धारित कर सकें, जिससे उनकी स्वयं की आय बढ़ेगी और विकास कार्यों की गति भी। साथ ही, निकायों की क्रेडिट रेटिंग कर बाजार से ऋण लेने का मार्ग साफ होगा, जिससे बड़े शहरी प्रोजेक्टों को आर्थिक संबल मिलेगा।

Advertisement

शहरी परिवहन व नगरीय वानिकी भी शामिल

नए कानून में शहरी परिवहन नियोजन और नगरीय वानिकी को भी शामिल किया गया है, ताकि शहरों का विकास संतुलित और पर्यावरण-अनुकूल हो सके। अवैध कॉलोनियों पर रोक को हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्र विनियमन अधिनियम, 1975 की तर्ज पर मजबूत बनाया गया है, जिससे बेतरतीब शहरी विस्तार पर लगाम लगेगी। नगर निकाय कर्मचारियों के लिए समान सेवा नियम लागू किए जाएंगे। वर्तमान में दो अधिनियमों की वजह से स्थानांतरण और पदोन्नति से जुड़े मामलों में कई बार विवाद और मुकदमेबाजी होती है, जिसे यह नया प्रावधान समाप्त करेगा। साथ ही, नगरपालिका दंडाधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है, ताकि नगर निकायों से संबंधित अपराधों के मामलों का त्वरित निपटारा हो सके। विभिन्न प्रकार के उल्लंघनों पर दंड और जुर्माने भी बढ़ा दिए गए हैं।

Advertisement
×