सरकारी संरक्षण में किसानों को लूट रही बीमा कंपनियां : अभय चौटाला
चौटाला ने कहा कि बीमा कंपनियों और भाजपा सरकार की मिलीभगत का सबसे बड़ा सबूत यह है कि जिन किसानों ने बीमा करवाया है, उनकी शिकायतें क्षतिपूर्ति पोर्टल पर स्वीकार ही नहीं हो रही। किसान जब खराब फसल का आवेदन करने जाते हैं तो पोर्टल खुद ही आवेदन अस्वीकार कर देता है। उन्होंने कहा कि हर साल यही हाल है। किसानों की जेब से बीमा कंपनियां हजारों करोड़ रुपये वसूल लेती हैं, लेकिन जब प्राकृतिक आपदा या मौसम की मार से फसल खराब होती है तो नियमों का बहाना बनाकर मुआवजा देने से इनकार कर दिया जाता है।
इनेलो नेता ने कहा कि भाजपा सरकार ने अन्नदाता को चौतरफा मार दी है। फसल बर्बादी पर न सरकार मुआवजा देती है, न बीमा कंपनियां भुगतान करती हैं। खाद समय पर नहीं मिलती, अगर मिलती है तो ब्लैक में महंगी खरीदनी पड़ती है। किसानों को तरल यूरिया और गैर-जरूरी सामान जबरन थमाया जाता है। मंडियों में सरकारी तंत्र मिलीभगत कर किसानों से लूट करता है। नकली खाद और बीज खुलेआम बेचे जा रहे हैं।