कैथल, 7 जुलाई (हप्र)
सरकारी अस्पताल ही नहीं बल्कि जिला जेल में भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जा रही मेडिकल सुविधाएं ठीक नहीं हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ जब डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल बृहस्पतिवार को जिला जेल का औचक निरीक्षण कर रही थीं। कैदियों और बंदियों द्वारा उन्हें शिकायत की गई कि जेल में मेडिकल सुविधा नहीं है। इस पर संज्ञान लेते हुए डीसी ने सिविल सर्जन को जेल अधीक्षक के साथ मिलकर व्यवस्था करने के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने बंदियों के वार्डों में जाकर बंदियों की समस्याएं व शिकायतें भी सुनी। उन्होंने महिला वार्ड के साथ-साथ अन्य वार्डों का भी जायजा लिया तथा जिला जेल अधीक्षक से पूरी फीडबैक भी ली। कपड़े धोने व नहाने के लिए साबुन इत्यादि की व्यवस्था के दृष्टिगत डीसी ने जेल अधीक्षक से पूछा तो जेल अधीक्षक संजय बांगड़ ने कहा कि जेल में कैंटीन की व्यवस्था है और कोई भी बंदी या कैदी वहां से उचित मूल्य पर सामान ले सकता है। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने मुलाकात कक्ष, लंगर ब्लॉक व अन्य कक्षों का भी दौरा किया।
कैदियों के बच्चों को पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाने के आदेश : जिला जेल में औचक निरीक्षण के दौरान डीसी की नजर कैदियों और बंदियों के बच्चों पर भी पड़ी। महिला कक्ष में उन्होंने बच्चों से मुलाकात की और बच्चों के लिए तुरंत प्रभाव से बाजार से खिलौने मंगवाए तथा कहा कि बच्चों के लिए पोशाकों, जूते-चप्पलों के साथ-साथ पाठ्य चार्ट की व्यवस्था भी करवाई जाएगी, ताकि बच्चे अपनी रुचि अनुसार पढ़ सकें। उन्होंने जेल अधीक्षक को निर्देश दिए कि बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाए और यदि किसी प्रकार की समस्या है तो उन्हें अवगत करवाया जाए।
एसपी से ली फीडबैक
एसपी जेल संजय बांगड़ ने बताया कि जिला जेल में कैदियों और बंदियों की संख्या 802 है, जिनमें से महिलाओं की संख्या 27 है। इन महिलाओं के साथ तीन बच्चे भी हैं। पुरुष कैदियों और बंदियों की संख्या 775 है। जेल में समय-समय पर स्वच्छ वातावरण के दृष्टिगत पौधरोपण, जागरूकता शिविर भी आयोजित किए जाते हैं।