धान खरीद में किसानों से हो रही लूट के विरोध में इनेलो ने किया प्रदर्शन
कैथल अनाज मंडी में धान खरीद में किसानों के साथ हो रही लूट के विरोध में इनेलो ने बुधवार को मार्केट कमेटी कार्यालय के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व इनेलो प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा व इनेलो जिलाध्यक्ष अनिल तंवर क्योड़क ने किया। रामपाल माजरा ने कहा कि राज्यपाल के नाम यहां ज्ञापन भी सौंपा गया है। उपमंडल अधिकारी और मार्केट सचिव न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदने के लिए राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया।
रामपाल माजरा ने बताया कि इनेलो पार्टी किसानों को मंडियों में धान की खरीद में लूट की ओर ध्यान दिलाना चाहती है, जैसा कि धान का न्यूनतम मूल्य 2369 व 2389 रुपये सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है। 17 प्रतिशत नमी में छूट दी गई है, लेकिन नमी बताकर 200 से 300 रुपये तक कट लगाया जा रहा है। मंडी में जो नमी मापने की मशीनें हैं, सभी में अलग-अलग नमी की मात्रा आ रही है। खरीद एजेंसी की मशीन अलग नमी बता रही है, मार्केट कमेटी की अलग और राइस मिलर्स की मशीन में अलग नमी आ रही है। नमी के नाम पर किसानों से लूट की जा रही है।
राइस मिलर्स किसानों से कम रेट पर धान खरीद रहे हैं और कच्ची पर्ची थमाई जा रही है। इसी धान का सरकार एमएसपी के हिसाब से पैसा लिया जा रहा है। हर मंडी में करोड़ों रुपये का घोटाला किया जा रहा है, प्रदेश की मंडियों में किसानों को लूटा जा रहा है, सभी मंडियों में एससीएच स्तर के अधिकारी की डयूटी लगाई हुई है, वे भी अधिकारियों से मिले हुए हैं। इसकी जांच होनी चाहिए, जो अधिकारी पीआर धान खरीद में घोटाला कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। हर साल किसानों के साथ करोड़ों रुपए का घोटाला होता है। रामपाल माजरा ने राज्यपाल के नाम दिए ज्ञापन में इस गड़बड़ी को रोकने की मांग की है ताकि किसान नुकसान से बच सकें।
प्रदर्शन में इनेलो जिलाध्यक्ष अनिल तंवर क्योड़क, राजाराम माजरा, रणबीर फौजी, ओमप्रकाश ढांडा, मास्टर रघबीर, काला प्यौदा, सुखजिंदर सांघन, बेदा सरपंच धुंधरहड़ी, लीला कुतुबपुर, पवन शर्मा, रोहित कुंडू, महिपाल नैना, शमशेर कुराड़, रणधीर हरीपुरा, अमित सहारण, महावीर सिंह सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
किसानों पर हर तरफ से पड़ रही मार
इनेलो जिलाध्यक्ष अनिल तंवर क्योड़क ने कहा कि नियम के अनुसार कंपयूटराइज कांटे से तुलाई होनी चाहिए, लेकिन मंडी में पुराने कांटों से ही तुलाई हो रही है, इसमें भी हर कटटे में 500 ग्राम से एक किलोग्राम ज्यादा की तुलाई की जा रही है। मंडियों में किसानों पर हर तरफ मार पड़ रही है, कोई सुनने वाला नहीं है।