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एनडीए में शामिल हलोपा के साथ आया इनेलो-बसपा गठबंधन

चंडीगढ़, 12 सितंबर (ट्रिन्यू) केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का हिस्सा सिरसा विधायक गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी ने हरियाणा के चुनावों में इनेलो-बसपा गठबंधन के साथ हाथ मिला लिया है। हरियाणा मुख्य रूप...
सिरसा में बृहस्पतिवार को ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस में एक-दूसरे के समर्थन का ऐलान करते अभय चौटाला व गोपाल कांडा।
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चंडीगढ़, 12 सितंबर (ट्रिन्यू)

केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का हिस्सा सिरसा विधायक गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी ने हरियाणा के चुनावों में इनेलो-बसपा गठबंधन के साथ हाथ मिला लिया है। हरियाणा मुख्य रूप से सिरसा जिले में अब इनेलो-भाजपा गठबंधन और हलोपा एक-दूसरे का सहयोग करते दिखेंगे। इनेलो प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कांडा के निवास पर पहुंच कर उन्हें सिरसा सीट पर समर्थन देने का ऐलान किया।

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इस मुलाकात के बाद अभय चौटाला और गोपाल कांडा ने सिरसा में ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस करके एक-दूसरे के समर्थन का भी ऐलान किया। हालांकि गोपाल कांडा की आखिरी समय तक भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत चलती रही लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ी। भाजपा ने सिरसा से बैकवर्ड कार्ड खेलते हुए रोहतास जांगड़ा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं अब हलोपा टिकट पर गोपाल कांडा फिर से मैदान में आ गए हैं। कांग्रेस द्वारा यहां से गोकुल सेतिया को टिकट देने के बाद इस सीट के समीकरण बदल गए।

गोकुल सेतिया की गिनती पहले अभय चौटाला के नजदीकियों में होती रही है। 2019 का चुनाव गोकुल सेतिया ने सिरसा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ा था और उन्होंने कांडा को कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि गोकुल सेतिया की कांग्रेस में ज्वाइनिंग का कई स्थानीय नेताओं ने विरोध भी किया लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें दरकिनार करते हुए सेतिया पर भरोसा जताया है। माना जा रहा है कि सिरसा सीट पर बदले हुए राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए ही अभय चौटाला और कांडा ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया है।

गोपाल कांडा के छोटे भाई गोबिंद कांडा 2019 में रानियां से हलोपा टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें अच्छे वोट हासिल किए थे। इसके बाद ऐलनाबाद हलके में अभय चौटाला के इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में भी गोबिंद कांडा ने भाजपा में शामिल होकर ऐलनाबाद उपचुनाव लड़ा था। उपचुनाव में गोबिंद कांडा ने अभय चौटाला को कड़ी टक्कर दी थी। गोबिंद कांडा भाजपा टिकट की मांग भी कर रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें किसी भी सीट से उम्मीदवार घोषित नहीं किया। इनेलो इस बार पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ रहा है। अभय सिंह चौटाला खुद ऐलनाबाद से ही चुनावी रण में उतरे हैं। भाजपा ने उनके मुकाबले अमीर चंद मेहता को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक भरत सिंह बेनीवाल को टिकट देकर ऐलनाबाद का मुकाबला भी दिलचस्प बना दिया है। अभय अपने बेटे अर्जुन चौटाला को विधानसभा पहुंचाने की कोशिश में हैं। अर्जुन को रानियां से टिकट दिया है। भाजपा ने यहां से देवीलाल पुत्र चौ. रणजीत सिंह की टिकट काटकर शीशपाल काम्बोज को दी है। वहीं जजपा ने रानियां में रणजीत सिंह का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है। वहीं रणजीत सिंह डबवाली में जजपा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह चौटाला की मदद करेंगे। इस सीट पर इनेलो ने भाजपा छोड़कर आए आदित्य देवीलाल चौटाला को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस के मौजूदा विधायक अमित सिहाग एक बार फिर मैदान में हैं। वहीं भाजपा ने बलदेव सिंह मांगीयाना को प्रत्याशी बनाया है।

अजय चौटाला ने ली चुटकी

हलोपा तथा इनेलो-बसपा गठबंधन के साथ आने के बाद जननायक जनता पार्टी सुप्रीमो और पूर्व सांसद डॉ. अजय सिंह चौटाला ने चुटकी ली है। अभय सिंह चौटाला के बड़े भाई अजय सिंह चौटाला ने कहा कि गोपाल कांडा की पार्टी - हरियाणा लोकहित पार्टी पहले से ही एनडीए का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही अभय चौटाला भी एनडीए का हिस्सा होंगे। यह केवल नूरा-कुश्ती है, इससे अधिक कुछ भी नहीं।

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