चंडीगढ़, 31 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा में 2016 में राज्यसभा की दो सीटों के चुनाव में स्याही कांड हुआ था, उसे फिर न दोहराया जाए, इसकी रोकथाम के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने कदम उठाए हैं। उस समय तीन उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे, तब कांग्रेस विधायकों के पेन का स्याही कांड हो गया था और अधिकतर विधायकों के वोट रद्द हो गये थे। इसका नतीजा यह हुआ कि भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा चुनाव जीत गये थे। उस समय देश भर में हरियाणा के इस स्याही कांड की चर्चा हुई थी। तब विधानसभा सचिव आरके नांदल की राज्यसभा चुनाव के लिए रिटर्निंग अधिकारी थे। उस चुनाव के बाद दो बार ऐसे मौके आये, जब नांदल को चुनाव अधिकारी नहीं बनाया गया, लेकिन इस बार 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए फिर आरके नांदल के पास चुनाव अधिकारी की जिम्मेदारी है। स्थितियां पुरानी जैसी हैं। दो सीटों के लिए तीन उम्मीदवार।
इस बार पुराने हालात पैदा न हों, इसके लिए हर विधायक को मतदान के लिए अलग-अलग पेन देने का निर्णय लिया गया है। वोट डालने के बाद प्रत्येक विधायक को यह पेन वापस जमा कराना होगा। एक विधायक का पेन वापस आने के बाद ही दूसरे को दूसरा पेन दिया जाएगा। यह सावधानी इसलिए है, ताकि दोबारा फिर राज्यसभा चुनाव में किसी तरह की धांधली न हो। पूरी मतदान प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
मंगलवार को भी जब राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार विधानसभा आए तो उनके द्वारा किये गये प्रवेश, नामांकन दाखिल करने के समय और नामांकन के बाद केंद्र से बाहर चले जाने के पूरे समय की जानकारी केंद्रीय चुनाव आयोग को दी गई। यानी पारदर्शी चुनाव व्यवस्था के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग राज्यों के संपर्क में हैं।
बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच होगी। अगर सभी प्रत्याशियों के नामांकन सही निकले और तीन जून तक किसी प्रत्याशी ने नाम वापस नहीं लिया तो 10 जून को मतदान होगा। मतदान के दौरान कोई विधायक गलत पेन का इस्तेमाल न करें, यह विधानसभा स्टाफ सुनिश्चित करेगा। इसके लिए बाकायदा मतदान केंद्र के बाहर नोटिस लगाया जाएगा और विधायकों को जागरूक भी किया जाएगा।
”नियमानुसार विधायक को वोट डालने से पहले बैलेट पेपर अपनी पार्टी के अधिकृत एजेंट को दिखाना होगा। अगर वह मतदान पत्र अपनी पार्टी के अधिकृत एजेंट को नहीं दिखाता है या एजेंट कोई आपत्ति करता है तो उसका वोट मान्य नहीं होगा। ऐसे में संबंधित विधायक के वोट को रद्द कर दिया जाएगा।”
-आरके नांदल, विस सचिव एवं निर्वाचन अधिकारी