गुरुग्राम, 7 मई (निस)
लगातार बिजली संकट और डीजल के बढ़ रहे दाम से गुरुग्राम का उद्योग क्षेत्र त्राहि-त्राहि कर उठा है। कोरोना और जीएसटी आदि के कारण उद्योग-धंधों को पहले ही काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। उद्योगपतियों के सम्मुख ऐसी स्थिति आ गई है कि एक तरफ श्रमिकों के साथ बंधे हुए हैं और दूसरी तरफ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्थिति के कारण काम-धंधे घाटे में चल रहे हैं। रही-सही कसर लगातार बिजली संकट ने पूरी कर दी है।
रुपये की गिरती कीमत, बिजली की कम उपलब्धता, आयात में बढ़ते हुए भाड़े, स्टील की बेकाबू कीमतों और अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा रेपो रेट में .40 प्रतिशत की वृद्धि से लोगों की जेब पर अब अतिरिक्त भार पड़ेगा।
इंडस्ट्रीज की हालत वैसे ही खराब है। रुपया लगभग 77 रुपए प्रति डॉलर और डीजल 100 रुपये प्रति लीटर के पास पहुंच चुके हैं। जिन लोगों ने पहले से लोन लिए हुए हैं या नए लेने हैं, उनकी कॉस्ट बढ़ गई। इसका सीधा नुकसान भी इंडस्ट्रीज को है। सरकार उद्योग की हालत सही रखेगी तभी देश की हालत सही रहेगी। उसके लिए रुपये की कीमत में सुधार हो, बिजली की उपलब्धता बनी रहे, स्टील की कीमतों पर सरकार का नियंत्रण हो और रेपो रेट न बढ़ने दिया जाए।
आईएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन अध्यक्ष पवन यादव एवं कादीपुर इंडस्ट्रीज वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीपाल शर्मा का कहना है कि सरकार को इन सभी मुद्दों पर ध्यान देकर इनमें सुधार करने की आवश्यकता है। स्टील की कीमतों पर सरकार का पूर्ण नियंत्रण हो, बिजली पूरी उपलब्ध हो और रेपो रेट न बढ़ाया जाए।
‘बिजली की बेसिक आवश्यकता पूरी हो’
आईएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन अध्यक्ष पवन यादव ने कहा कि सरकार को इन चारों मुद्दों पर ध्यान देने व इनमें सुधार करने की आवश्यकता है। स्टील की कीमतों पर सरकार का पूर्ण नियंत्रण होना चाहिए, बिजली हमारी बेसिक आवश्यकता है वह पूरी हो और सरकार पुन: कोशिश करे कि रेपो रेट न बढ़ाए जाए।
‘जर्जर तारें और पुराना सिस्टम बदले सरकार’
कादीपुर इंडस्ट्रीज वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीपाल शर्मा का कहना है की उम्मीद करते हैं कि जल्द से जल्द बिजली की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाए ताकि इस भयंकर गर्मी में आम जनता परेशान न हो और उद्योगों का नुकसान न हो। बिजली की जर्जर तारें व बहुत पुराना सिस्टम है, उसको तुरंत बदल देना चाहिए। सरकार को लघु उद्योगों की तरफ विशेष ध्यान देने की जरूरत है।