बिजेंद्र सिंह/निस
पानीपत, 4 जुलाई
हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास निगम ने पानीपत में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये जीटी रोड से रिफाइनरी रोड तक 2007-08 में 926 एकड़ जमीन का अधिगृहण कर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया था। इस औद्योगिक क्षेत्र में 2013 से प्लाटों का आवंटन भी शुरू कर दिया गया, लेकिन करीब 8 वर्ष गुजर जाने के बाद भी इस औद्योगिक क्षेत्र के करीब 400 प्लाटों में से सिर्फ 54 प्लाट ही बिक पाये हैं और शेष प्लाट अभी भी खाली पड़े हुए है। हालांकि एचएसआईआईडीसी द्वारा इस औद्योगिक क्षेत्र में इंडस्ट्री के लिये तमाम सुविधाएं दी गई है। एचएसआईडीसी ने सैकड़ों करोड़ रुपए जमीन का अधिगृहण करने, एन्हांसमेंट और उद्योगों के लिये विकसित करने पर खर्च किये हैं।
यहां तक की इंडस्ट्री के पानी को साफ करने के लिए करीब 6 करोड़ की लागत से सीईटी प्लांट भी लगाया गया है। एचएसआईडीसी द्वारा सभी सुविधाएं देने के बावजूद भी पानीपत के उद्योगपतियों का इस औद्योगिक क्षेत्र में प्लाट लेने का रूझान नहीं है और इस कारण औद्योगिक क्षेत्र में प्लाटों का रेट ज्यादा होना है। फिलहाल इस औद्योगिक क्षेत्र में प्लाटों का भाव 8800 रुपए प्रति वर्ग मीटर चल रहा है और इसमें सबसे छोटे प्लाट 450 वर्ग मीटर के हैं। बाकी प्लाट इससे बड़े साइज के हैं। दूसरी और इस पूरे औद्योगिक क्षेत्र के रख रखाव पर भी एचएसआईडीसी द्वारा लाखों रुपए प्रति माह खर्च करने पड़ रहे है, जिससे यह औद्योगिक क्षेत्र एचएसआईडीसी के लिये एक सफेद हाथी बनकर रह गया है। हालांकि एचएसआईडीसी के अधिकारी इस औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगपतियों को प्लाट बेचने के भरसक प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ज्यादा रेट के चलते पानीपत के उद्यमी यहां पर प्लाट लेना पसंद नहीं कर रहे हैं।
बता दें कि एचएसआईडीसी ने चार गांवों रजापुर, बोहली, ददलाना व बेगमपुर की 926 एकड़ जमीन इस औद्योगिक क्षेत्र के लिये 2007-08 में अधिगृहीत की थी और 5-6 वर्षों में 2012 तक इस क्षेत्र में सडक़ों, सीवर लाइन, स्ट्रीट लाइटों सहित सभी सुविधाएं उद्योगों के लिये मुहैया करवाई और 2013 में एचएसआईडीसी ने यहां पर उद्योगपतियों को प्लाट बेचने शुरू किये। यहां के रेट उद्योगपतियों को रास नहीं आये और पिछले करीब 8 वर्ष में यहां पर 400 से ज्यादा प्लाटों में से सिर्फ 54 प्लाट ही बिक पाये। व्यापारियों का कहना है कि सरकार को उनकी मांग पर गौर करना चाहिए ताकि सभी प्लाट बिकसकें।
व्यापारियों को राहत देने का काम करे सरकार
पानीपत के उद्योगपति इन औद्योगिक प्लाटों के रेट कम करने की मांग सरकार से कई वर्षों से कर रहे हैं। इसके लिये उद्योगपतियों ने सांसद संजय भाटिया व पानीपत शहरी विधायक प्रमोद विज से भी गुहार लगाई। हालांकि इस औद्योगिक क्षेत्र में प्लाटों के रेट को लेकर उद्योगपतियों को सांसद व विधायक ने हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया, लेकिन न ही तो रेट कम हुए और न ही पानीपत के उद्योगपतियों ने यहां पर प्लाट खरीदने में रूचि दिखाई। वहीं उद्योगपति एवं निर्यातक अनिल मितल ने बताया की हरियाणा कारपेट मेन्युफेक्चरिंग एसोसिएशन ने इस औद्योगिक क्षेत्र में प्लाटों के रेट कम करने को लेकर जीएम डीआईसी को ज्ञापन भी दिया था।
मजबूरी में बाहर लगा रहे उद्योग
हरियाणा व्यापार मंडल के युवा प्रदेशाध्यक्ष एवं पानीपत इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान राकेश चुघ ने बताया की पानीपत एक औद्योगिक नगरी है और यहां पर अब नये उद्योग लगाने के लिये अधिकृत क्षेत्र में जगह उपलब्ध नहीं है। इसलिये उद्योगपतियों को मजबूरन अनधिकृत क्षेत्र में उद्योग लगाने पड़ रहे है। हालांकि नये उद्योग लगाने के लिये वे सांसद संजय भाटिया व विधायक प्रमोद विज से इंडस्ट्री के लिये नये सेक्टर विकसित करने की मांग कर चुके है।
जल्द निकलेगा समाधान : विज
पानीपत शहरी विधायक प्रमोद विज ने बताया की उनकी इस मामले में मुख्यमंत्री से पहले भी बात हुई है और बताया गया था कि एचएसआईडीसी के प्लाट ज्यादा रेट होने पर बिक नहीं पा रहे हैं, जबकि पानीपत के उद्योगपतियों को नयी इंडस्ट्री लगाने के लिये जगह की जरूरत है। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री से अब फिर बात करके कोई बीच का ऐसा रास्ता निकालने का प्रयास किया जाएगा। ताकि शहर के उद्योगपतियों को जायज रेट पर प्लाट मिल सके।
रिफाइनरी रोड स्थित औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों के लिये सभी सुविधाएं मुहैया करवाई गई हैं। इस औद्योगिक क्षेत्र के करीब 400 प्लाटों में से अभी तक 54 प्लाट बिके है। इस औद्योगिक क्षेत्र में अभी प्लाटों का रेट 8800 रुपए प्रति वर्ग मीटर चल रहा है और यहां के रेट सरकार द्वारा ही तय किये गये है। वहीं सरकार ही रेटों को लेकर कोई भी फैसला ले सकती है।
-मंजीत बल्हारा,ईओ, एचएसआईडीसी