कुरुक्षेत्र, 19 नवंबर (हप्र)
केंद्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति का देश-विदेश में मान-सम्मान बढ़े, इसके लिए वर्तमान सरकार प्रतिबद्ध है। भारतीय संस्कृति विकसित होगी और संरक्षित भी होगी, इस पर पुरजोर कार्य चल रहा है। अर्जुन राम मेघवाल विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संस्कृति महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर मुख्यातिथि के रूप में आभासी माध्यम से महोत्सव में भाग ले रहे देशभर के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. ललित बिहारी गोस्वामी ने की।
उन्होंने गुरुनानक देव के प्रकाश पर्व पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गुरु नानक देव ने भारतीय संस्कृति को बचाने में महती प्रयास किए। उन्होंने विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान द्वारा भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु शिक्षा के माध्यम से किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि देशभर में विद्या भारती से जुड़े शिक्षक बन्धु संस्कारयुक्त शिक्षा प्रदान कर छात्रों को जीवन का सही मार्ग दिखा रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह ने किया।
कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए संस्थान के सचिव अवनीश भटनागर ने सभी प्रतियोगिताओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संस्कृति शिक्षा संस्थान द्वारा संस्कृति महोत्सव जैसे कार्यक्रमों के अतिरिक्त बड़ा काम संस्कृति ज्ञान परीक्षा का भी है, जिसके माध्यम से देशभर में प्रतिवर्ष लगभग 22 लाख विद्यार्थी इस परीक्षा में सहभागिता करते हैं।
अध्यक्षीय उद्बोधन में संस्थान के अध्यक्ष डॉ. ललित बिहारी गोस्वामी ने कहा कि दूसरे की पीड़ा को समझकर उसके लिए कुछ कर सकें, यही भारतीय संस्कृति है। कार्यक्रम में अतिथि परिचय संस्कृति बोध परियोजना के राष्ट्रीय संयोजक दुर्ग सिंह ने कराया। धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के सह-सचिव वासुदेव प्रजापति ने किया। संस्थान के संगठन सचिव श्रीराम आरावेकर ने निर्णायक मंडल में उपस्थित डॉ. मंजरी शुक्ला, रत्नचंद सरदाना, डॉ. रामचंद्र एवं डॉ. सी.सी. त्रिपाठी को स्मृति चिन्ह भेंट किया।