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बाली में जल्द बने भारतीय सांस्कृतिक केंद्र : डॉ अरविंद शर्मा

पर्यटन मंत्री की अगुवाई में बाली के राज्यपाल से मिला प्रतिनिधिमंडल
बाली में अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के दौरान सीनेटर डॉ. आई गुस्तीनगुरा आर्य को गीता की प्रति भेंट करते स्वामी ज्ञानानंद महाराज, पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल।
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विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने बाली के राज्यपाल आई यान कोस्टर से मुलाकात करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के इंडोनेशिया दौरे के दौरान घोषित भारतीय सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना में तेजी लाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने इससे जुड़ी तकनीकी अड़चनों को शीघ्र दूर करवाने का आग्रह किया, ताकि भारत इंडोनेशिया संबंधों को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाया जा सके।

रविवार को विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने बाली प्रान्त के राज्यपाल आई यान कोस्टर से उनके आधिकारिक निवास पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द महाराज के साथ शिष्टाचार भेंट की। राज्यपाल आई यान कोस्टर से मुलाकात के दौरान हरियाणा के पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के इंडोनेशिया दौरे के दौरान बाली में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र बनाने पर सहमति बनी थी। इसके बाद बाली प्रान्त सरकार के तत्कालीन राज्यपाल द्वारा इसके लिए 1700 वर्ग मीटर जमीन भी आवंटित की गई थी। इसमें कुछ तकनीकी अड़चनों का चलते अब तक प्रस्ताव सिरे नहीं चढ़ पाया है।

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उन्होंने राज्यपाल आई यान कोस्टर से आग्रह किया कि वो इस विषय में शीघ्र अधिकारियों की बैठक बुलाएं, ताकि भारतीय सांस्कृतिक केंद्र स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो सके। पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान उन्हें बाली विधानसभा में एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने आमजन की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कुरुक्षेत्र में बाली सांस्कृतिक केंद्र बनाने की मांग की है।

उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ विचार विमर्श करते हुए सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि इंडोनेशियाई नागरिकों को भगवान श्रीकृष्ण की कर्मभूमि से जुड़ने का अवसर मिले। कैबिनेट मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि महर्षि मार्कण्डेय की कुरुक्षेत्र और बाली कर्मभूमि रहे हैं। उन्होंने बाली में आकर इंडोनेशिया के सबसे प्रतिष्ठित मदर टैम्पल (बैसाखी टैम्पल) की स्थापना की थी।

यह भारत और इंडोनेशिया की सभ्यता, संस्कृति और धार्मिक समानताओं की घनिष्ठता को दर्शाता है, जिससे स्पष्ट होता है कि हमारी जड़ें मूल रूप से जुड़ी हुई हैं। प्रतिनिधिमंडल में जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ अमित अग्रवाल, बाली विधानसभा सदस्य डॉ सोमबीर, बाली कमीशन सदस्य देवा, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के अंबेडकर स्टडीज सेंटर के निदेशक डॉ प्रीतम सिंह, अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण के सदस्य विजय नरूला शामिल रहे।

 

 

 

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