कलायत, 21 जून (निस)
हिसार-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित उपमंडल के गांव सिमला का मुख्य द्वार दो वर्षों से अधूरा छोड़े जाने को लेकर ग्रामीणों में पंचायत विभाग के प्रति भारी रोष है। गांव सिमला निवासी आशीष मोर, अनिल कुमार, राममेहर, सचिन, काला मोर आदि ने बताया कि पिछले लंबे समय से गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है। जो कार्य करीब 2 वर्ष पूर्व शुरू किए गए थे, वे भी अधूरे पड़े हुए हैं।
गांव के मुख्य द्वार का कार्य 2 वर्ष पूर्व शुरू किया गया था, जिसमें केवल मात्र ईंटों का ढांचा तो खड़ा कर दिया गया है, लेकिन अभी तक उसकी लिपाई-पुताई नहीं की गई। इसके कारण अब पूरा ढांचा जर्जर होने लगा है और कई जगह से तो सीमेंट भी उखड़ने लगा है। यही हाल गांव की अनेक गलियों का भी है। मुख्य द्वार व गलियों का कार्य पूरा करवाने के लिए वे कई बार पंचायत विभाग अधिकारियों को अवगत करवा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल से गांव सिमला के अधूरे पड़े द्वार का निर्माण कार्य जल्द शुरू करवाए जाने की मांग की है।
बीडीपीओ का कहना है
बीडीपीओ रोजी ने कहा कि गांव शिमला के मुख्य द्वार के अधूरे पड़े कार्य को पूरा करवाने के लिए एस्टीमेट बनवा कर जल्द भेज दिया जाएगा अनुमति मिलते ही कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।