करनाल, 29 अक्तूबर (हप्र)
खेत में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में विफल रहे गोंदर व रम्बा गांव के सरपंचों को निलंबित कर दिया गया है। सेटेलाइट की कड़ी निगरानी के कारण जिले के 49 गांव रेड जोन में आ गए हैं। इसके साथ अब तक जिले के 392 किसानों पर 9 लाख 85 हजार रुपये का लगाया जुर्माना लगाकर 95 एफआईआर भी दर्ज की गई हैं। माना जा रहा है कि कुछ और सरपंचों पर भी गाज गिर सकती है। बृहस्पतिवार को फसल अवशेष प्रबंधन की समीक्षा बैठक में डीसी निशांत कुमार यादव ने पिछले वर्ष की तुलना में इस बार पराली जलाने से संबंधी घटनाएं अधिक पाए जाने पर गोंदर व रम्बा गांव के सरपंच को निलंबित करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि प्रशासन के उच्च अधिकारी गांव-गांव पहुंचकर ग्राम पंचायत तथा किसानों को जागरूक कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद जिले में 834 आगजनी की घटनाएं सेटेलाइट से उजागर हुई हैं। इनमें 635 की पहचान कर ली गई है। इसके चलते जिले के 49 गांव रेड जोन में आ गए हैं।
बैठक में समीक्षा के दौरान एसडीएम करनाल आयुष सिन्हा ने बताया कि ग्राम पंचायत व किसानों को जागरूक करने के बाद भी गोंदर गांव में आगजनी की 30 घटना तथा रंबा में 23 घटनाएं पाई गई हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है।
इन पंचायतों ने किया सराहनीय काम
उपायुक्त ने बताया कि असंध उपमंडल के गांव थल में पिछले वर्ष 15 व इस वर्ष जीरो बर्निंग, बिलौना में पिछले वर्ष 21 व इस वर्ष 3, रूकसाना में पिछले वर्ष 19 व इस वर्ष 3, उपलाना में पिछले वर्ष 24 व इस वर्ष 6 आगजनी के मामले पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अन्य ग्राम पंचायतों को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।