अरविंद शर्मा/निस
जगाधरी, 9 नवंबर
जागरूकता अभियान व प्रशासन की सख्ती के चलते इस बार पिछले साल के मुकाबले बहुत कम किसानों ने फसल अवशेष जलाए हैं। यह आधे से भी कम हैं। वहीं कृषि विभाग के अधिकारी इसके लिए जागरूकता व सख्ती का असर मान रहे हैं।
जानकारी के अनुसार गत वर्ष फसल अवशेष जलाने की 471 घटनाएं हुई थीं। जबकि इस बार 141 घटनाएं हुई हैं। इस बार फसलों के अवशेष 29 फीसदी जले हैं। बता दें कि सरकार के आदेश पर प्रशासन ने तीन स्तरीय निगरानी कमेटियां गठित की हुई हैं। इसके अलावा कृषि विभाग ने विभिन्न माध्यमों से किसानों को फसल अवशेष न जलाने को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया। स्कूलों में स्लोगन, नारा लेखन प्रतियोगिताएं भी कराई गई। पराली की गांठें बनाने की स्कीम के प्रति भी किसानों को जागरूक किया गया।
कृषि विभाग के उप निदेशक डा. जसवींद्र सैनी ने बताया कि इस बार फसल अवशेष जलाने पर 56 किसानों के चालान कर इनसे 1 लाख 40 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया है। फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में इस बार बहुत कमी आई है। उन्होंने बताया कि पूसा दिल्ली द्वारा उपलब्ध डी-कंपोजर किसानों को मुफ्त मुहैया कराया जा रहा है। इससे अवशेष गल जाते हैं। इसके अलावा फसल अवशेषों की गांठें बनाने वाले किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।