स्वच्छता सर्वेक्षण में निकाय मंत्री का शहर ही पिछड़ा : सैलजा
प्रदेश सरकार को अपनी पीठ थपथपाने के बजाय इस बात पर चिंतन करना चाहिए कि अरबों रुपये खर्च करने के बावजूद कहां कमी रह गई। किसकी लापरवाही से रैंक गिरी या रैंक में सुधार नहीं हुआ। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा के शहरी स्वच्छता हालात पर हालिया स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य में कचरा प्रबंधन की दिशा में कोई ठोस कार्य नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता में हरियाणा के कई शहर पिछड़ गए हैं और अधिकतर शहरी निकायों में 3 स्टार से नीचे की रेटिंग पाई है, जो बेहद चिंताजनक है।
कई शहर तो एक भी स्टार पाने में विफल रहे हैं। रोहतक को पहले 7 स्टार मिले थे, इस बार एक ही मिला है, करनाल को सात मिले थे इस बार तीन ही मिले हैं। गुरुग्राम को पांच मिले थे इस बार एक भी नहीं मिला। अंबाला, फरीदाबाद, हिसार, पंचकूला, यमुनानगर को पहले तीन-तीन स्टार मिले थे पर इस बार उनके हाथ खाली रहे। फरीदाबाद स्थानीय निकाय मंत्री का खुद का शहर है फिर भी पिछड़ गया, इसे तो स्मार्ट सिटी में शामिल किया गया था, सरकार ने भारी भरकम राशि खर्च की थी। कचरा प्रबंधन का बुरा हाल था, सत्ता पक्ष के लोग ही कूड़े की फोटो डालकर सरकार को चेताया करते थे।