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बगावत को टालने की कवायद, टुकड़ों में लिस्ट दे रही कांग्रेस

अंदरखाने सभी पर बन चुकी सहमति, प्लानिंग के साथ हो रही देरी

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चंडीगढ़, 8 सितंबर (ट्रिन्यू)

हरियाणा के कांग्रेसियों खासकर टिकट के जुगाड़ में लगे नेताओं की बेचैनी दिनों-दिन बढ़ रही है। पार्टी प्रत्याशियों की सूची में हो रही देरी के चलते कांग्रेसियों ने नई दिल्ली में ही डेरा डाला हुआ है। कांग्रेस ने पहली सूची में 32 उम्मीदवारों की घोषणा की थी। वहीं रविवार की देर रात दूसरी लिस्ट में महज नौ और प्रत्याशियों का ऐलान किया गया। यानी पार्टी टुकड़ों में लिस्ट जारी कर रही है। यह पार्टी की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा नजर आ रहा है।

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भाजपा अपनी पहली ही सूची में 67 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है। लेकिन भाजपा में पहली सूची के बाद हुई बगावत को देखते हुए कांग्रेस ने अपनी लिस्ट को रोका हुआ है। प्रदेश में नामांकन-पत्र जमा करवाने की आखिरी तिथि 12 सितंबर है। अदंरुनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी द्वारा इस तरह की भी प्लानिंग की जा रही है कि कुछ सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा 11 सितंबर को ही की जाए ताकि 12 को सीधे नामांकन हो सके। इससे बागियों को अधिक हंगामा करने का मौका नहीं मिल पाएगा।

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कांग्रेस पर सबसे अधिक दबाव उन पूर्व मंत्रियों व विधायकों का है, जिन्होंने पिछले दो-ढाई वर्षों के दौरान कांग्रेस की सदस्यता हासिल की है। 42 से अधिक पूर्व और मौजूदा विधायक कांग्रेस ज्वाइन कर चुके हैं। इनमें से अधिकांश टिकट की आस में ही कांग्रेस में आए हैं। वहीं पार्टी के पास खुद भी बड़ी संख्या में ऐसे चेहरे हैं, जो लम्बे समय से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। नब्बे हलकों के लिए 2552 से अधिक नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया था।

इनमें से 200 से अधिक ऐसे नेता हैं, जो चुनाव लड़ने को लेकर काफी सीरियस भी हैं। टिकट तो एक ही व्यक्ति को मिल सकती है। ऐसे में हलके में दूसरे दावेदारों के बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का खतरा भी कांग्रेस को सता रहा है। इसी वजह से पार्टी जान-बूझकर लिस्ट जारी करने में देरी कर रही है। इस तरह की भी खबरें हैं कि जिन नेताओं की टिकट पर किसी तरह की दुविधा नहीं है और उन्हें चुनाव लड़वाया जाना तय है, उन्हें अंदरखाने फोन करके नामांकन की तैयारी करने को कहा जा चुका है।

इसका अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि पहली सूची में जिन 32 प्रत्याशियों की टिकट घोषित की है, उनमें से 28 तो कांग्रेस के मौजूदा विधायक ही हैं। वहीं नीलोखेड़ी से निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर और शाहबाद से जजपा विधायक रामकरण काला को टिकट दिया है। इसके बाद भी आठ हलकों में कांग्रेस के 12 नेता खुलकर विरोध में आ चुके हैं। इनमें से कई ऐसे हैं, जिन्होंने आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया है।

बहादुरगढ़ के मौजूदा विधायक राजेंद्र जून को टिकट मिलने के बाद चुनाव की तैयारी कर रहे राजेश जून ने बगावत कर दी है। वे अब चुनावी रण में उतरेंगे। बताते हैं कि 2019 के चुनावों में भी राजेश जून को आगे ध्यान रखने का आश्वासन देकर मनाया गया था। सढ़ौरा से विधायक रेणु बाला को टिकट मिलने से बृजपाल छप्पर ने मोर्चा खोल लिया है। बरोदा में सिटिंग विधायक इंदूराज नरवाल की उम्मीदवारी घोषित होने के बाद वरिष्ठ नेता कपूर सिंह नरवाल ने कांग्रेस को अलविदा बोल दिया। आप से भी चल रही बातचीत टिकटों की घोषणा नहीं होने के पीछे दूसरा कारण यह भी है कि कांग्रेस की आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है।

जींद से लड़ सकते सुशील गुप्ता

कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन और सीटों का ऐलान होने के बाद पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डॉ़ सुशील गुप्ता का जींद से चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है। बताते हैं कि आप को जींद, कलायत, पिहोवा, पानीपत ग्रामीण व फरीदाबाद की कोई सीट मिल सकती है। सपा के साथ भी बातचीत अंतिम चरण में है। सपा को हथीन या सोहना में से एक सीट मिलने की उम्मीद है।

बार-बार के घेराव से भावुक हुए बाबरिया

हरियाणा के कई हलकों के टिकटार्थियों के साथ उनके समर्थकों ने भी नई दिल्ली में डेरा डाला हुआ है। प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया का अभी तक तीन चार हलकों के वर्कर घेराव भी कर चुके हैं। लोग बाबरिया को घेरकर यह भी सुना रहे हैं कि टिकट के आवेदन के साथ उन्होंने पार्टी द्वारा तय 20 हजार रुपये की फीस भी जमा करवाई है। रविवार को भी दिल्ली में ऐसा ही नजारा दिखा। कइयों ने कहा कि पैराशूट उम्मीदवार उतारे गए तो विरोध होगा। कार्यकर्ताओं की खरी-खरी सुनने के बाद बाबरिया ने उन्हें समझाया भी। उन्होंने बताया कि कल-परसों में सूची आ जाएगी। मैं जानता हूं बहुत से लोग बहुत दुखी होंगे। नाराज भी होंगे। मैं सभी से क्षमा मांगता हूं। इस पर भीड़ में से कुछ नेताओं ने कहा – आप हमारे बब्बर शेर हैं। आपने हमारे लिए बहुत लड़ाई लड़ी है और आप तो हमारे हनुमान हैं। इस पर बाबरिया काफी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि लोगों ने पानी पिलाकर उनका हौसला बंधाते हुए कहा कि आप जो भी फैसला लेंगे, वह हमें मान्य होगा। बाबरिया ने कहा - दो-तीन दिन धैर्य रख लें। हो सकता है कि मेरी राहुल गांधी से मुलाकात हो जाए। अगर मेरी सुन ली तो संभावना है कि दो-तीन लोगों का भला हो जाए।

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