जगाधरी, 6 मई (निस)
इन दिनों प्रशासन पंचायती राज संस्थाओं के होने वाले चुनावों को लेकर प्रक्रिया में लगा है। करीब एक माह से नये सिरे से वार्ड बंदी का काम चल रहा है। वार्डों के एरिया में हुई अदला-बदली से चुनाव लड़ने के इच्छुक कई नेताओं का सियासी गणित बिगड़ गया है वहीं वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि चाहे जो भी कर लिया जाए,लेकिन जीत उनकी ही होगी। जिला परिषद व पंचायत समितियों की वार्ड बंदी जारी है। इनका प्रारंभिक प्रकाशन हाल ही में हुआ था। ज्यादातर वार्डों के एरिया में रद्दोबदल हुई है। इससे महीनों से मेहनत कर रहे कई संभावित उम्मीदवारों का सियासी गणित गड़बड़ा गया है। विपक्षी दलों के चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों के लिए यह समस्या खासतौर पर बढ़ी है। महीनोंं से जन संपर्क करने वाले एक संभावित उम्मीदवार ने बताया कि उसके वार्ड से आधा दर्जन से ज्यादा गांव दूसरे वार्ड में चले गए हैं। अब उसे बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। वहीं कांग्रेसी नेता एवं जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन श्यामसुंदर बतरा का कहना है कि कुछ भी कर लिया लेकिन जिला परिषद व पंचायत समितियों के चेयरमैन कांग्रेस का ही बनेंगे। वहीं बसपा के वरिष्ठ नेता आदर्शपाल गुर्जर का कहना है कि सरकार की नीतियों व मनमर्जी से जनता नाखुश है। इसका नतीजा पश्चिम बंगाल व यूपी में हुए चुनावों में सबके सामने है। बसपा के उम्मीदवार सब पर भारी रहेंगे।