जींद, 24 अप्रैल (हप्र)
पिछले एक सप्ताह से शंभू बॉर्डर पर किसानों द्वारा बाधित रेल ट्रैफिक से वाया जींद होकर दिल्ली-बठिंडा रेलवे ट्रैक पर सभी तरह की ट्रेनों का दबाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है। इसके कारण जींद रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की संख्या प्रतिदिन सैकड़ों में पहुंच गई है। अंबाला रेलवे ट्रैक की 60 से ज्यादा सवारी गाड़ियां अब रोजाना जींद से डायवर्ट होकर अपडाउन हो रही हैं। यह सवारी गाड़ियां गुजरने से दिल्ली-बठिंडा रेलवे ट्रैक से प्रतिदिन गुजरने वाली सवारी गाड़ियां भी प्रभावित हो गई हैं। इन ट्रेनों को खड़ा करने के लिए भी ट्रैक खाली नहीं मिल पा रहे, क्योंकि हर समय सवारी या मालगाड़ी सभी ट्रैकों पर खड़ी रहती हैं। सवारी गाड़ियों को कई-कई देर आउटर पर खड़ा रखा जाता है, जिसके कारण सवारी गाड़ियां अपने निर्धारित समय से लेट पहुंच रही हैं। इसका असर यात्रियों पर पड़ रहा है। इसके अलावा जींद से कुरुक्षेत्र के बीच चलने वाली 04993-94 पैसेंजर ट्रेन और जींद से दिल्ली जाने वाली ट्रेन नंबर 04988 भी पिछले चार दिनों से रद्द चल रही हैं।
उचाना और बरसोलो स्टेशन खड़ी रहीं ट्रेनें
बुधवार को भी अंबाला ट्रैक से गुजरने वाली कई ट्रेनों का जींद जंक्शन से गुजरने का सिलसिला शुरू हो गया था। इसके चलते इस ट्रैक पर ट्रेनों का दबाव बढ़ गया। उचाना और बरसोला स्टेशन पर सवारी गाड़ियों को रोका गया था, जिसके कारण श्रीगंगानगर इंटरसिटी सुपरफास्ट को उचाना तथा बरसोला स्टेशन पर लूप लाइन से गुजारा गया। वहीं नरवाना जंक्शन पर भी सुबह करीब साढ़े दस बजे चार-पांच मालगाडिय़ां रोकी गई थी। किसी अन्य ट्रेन को गुजारने के लिए भी ट्रैक खाली नहीं था।
किसान आंदोलन के चलते जींद जंक्शन से प्रतिदिन कई सवारी गाड़ियों को गुजारा जा रहा है। जब तक अंबाला रेलवे ट्रैक पर रेल यातायात बहाल नहीं होता, तब तक ट्रेनों का जींद से ही गुजारा जाएगा। बुधवार को जींद-कुरुक्षेत्र और जींद-नई दिल्ली पैसेंजर ट्रेन को रद्द रखा गया था।
-जयप्रकाश, स्टेशन अधीक्षक, जींद