Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

illegal MTP Kit : हरियाणा में अवैध एमटीपी किट पर सख्ती, लिंगानुपात सुधार पर जोर

राज्य में लिंगानुपात 907 तक पहुंचा लेकिन कई जिलों में सुधार धीमा, अवैध गर्भपात से महिलाओं की जान पर मंडरा रहा खतरा
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
मंगलवार को चंडीगढ़ में स्टेट टॉस्क फोर्स की बैठक लेते स्वास्थ्य विभाग के एसीएस सुधीर राजपाल
Advertisement

illegal MTP Kit : हरियाणा सरकार ने राज्य में अवैध एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी) किट की बिक्री और इस्तेमाल पर कड़ा रुख अपनाया है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने आयुष विभाग के डॉक्टरों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्रों में पैनी नजर रखें और सुनिश्चित करें कि 12 सप्ताह से अधिक समय की गर्भावस्था में कोई महिला अवैध रूप से गर्भपात न कराए।

वे मंगलवार को यहां राज्य टॉस्क फोर्स की बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य का लिंगानुपात पिछले वर्ष 31 अगस्त को 901 था, जबकि इस वर्ष यह बढ़कर 907 हो गया है। हालांकि अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, करनाल, सिरसा और पलवल जैसे जिलों में सुधार की रफ्तार धीमी पाई गई। सुधीर राजपाल ने इन जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से जवाब तलब करने के लिए जल्द बैठक करने के निर्देश दिए।

Advertisement

अवैध एमटीपी किट से गंभीर खतरे

बैठक में जींद की एक महिला के गंभीर मामले का उल्लेख किया गया, जिसने 12 सप्ताह से अधिक समय की गर्भावस्था में एमटीपी किट खा ली, जिससे उसका गंभीर रक्तस्राव हुआ। स्थिति बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उसकी बच्चेदानी निकालनी पड़ी, जिससे भविष्य में वह कभी मां नहीं बन सकेगी। सोनीपत में एक आशा वर्कर और उसके पति के खिलाफ भी कार्रवाई हुई, जिन्होंने दिल्ली से किट लाकर अवैध रूप से बेची। पंचकूला में भी लापरवाही के कारण एक गर्भवती महिला की मौत हो गई, जिस पर आशा वर्कर को नौकरी से हटा दिया गया।

प्रशासन की सख्ती और चेतावनी

राजपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एमटीपी किट बेचने वाले होलसेलर्स और एमटीपी सेंटर्स की निगरानी की जाए। उन्होंने कहा कि भ्रूणपात के दौरान यदि लड़का या लड़की भ्रूण के संबंध में गड़बड़ी पाई जाए, तो तुरंत अल्ट्रासाउंड जांच करवाई जाए और आवश्यकता पड़ने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाए।

संयुक्त प्रयास ही समाधान

बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक मोनिका मलिक, डॉ़ कुलदीप सिंह और टास्क फोर्स के अन्य सदस्य उपस्थित थे। विशेषज्ञों का मानना है कि कानूनी कार्रवाई, निगरानी और सामाजिक जागरूकता का तालमेल ही लिंगानुपात सुधार और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।

Advertisement
×