कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 21 मार्च।
पंजाबी बाहुल्य हिसार के हांसी शहर में पंजाबी समाज ने बैठक कर मृत्युभोज पर रोक लगाने का फैसला लिया है। हांसी से भाजपा विधायक विनोद भ्याण की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया है कि मृत्युभोज पर हांसी शहर के अलावा अन्य शहरों व गांवों से आने वाले लोगों को सिर्फ दाल, सब्जी, रोटी व सलाद खिलाने की अनुमति होगी, हलवा नहीं खिलाया जायेगा। यदि कोई इस का उल्लंघन करेगा तो समाज उस परिवार का सामाजिक बहिष्कार करेगा।
पंजाबी धर्मशाला में आयोजित बैठक के संचालक सतीश कालड़ा ने बताया कि हांसी शहर में मृत्युभोज के दौरान तरह-तरह की स्टॉल लगाकर शाही भोज की कुरीति शुरू हो गई थी, जिसके बाद समाज के प्रबुद्ध नागरिकों ने इस बारे में बैठक बुलाकर मृत्युभोज पर रोक लगाने का फैसला लिया।
बैठक में फैसला लिया कि दाल-रोटी भी स्टॉल की बजाय पंगत लगाकर नीचे बिठाकर खिलाई जायेगी और उसमें भी स्थानीय नागरिकों को शामिल नहीं किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यह फैसला 1 अप्रैल, 2022 से लागू हो जाएगा और इसके लिए 15 सदस्यीय निगरानी कमेटी का गठन किया जाएगा और यदि कोई इस फैसले को नहीं मानेगा तो उसका सामजिक बहिष्कार किया जाएगा।
शोकसभा में विधायक, सांसदों के बोलने पर विवाद
बैठक में यह भी फैसला लेने का प्रयास किया गया कि शोकसभा में स्थानीय विधायक, पूर्व विधायक, सांसद व पूर्व सांसद को दो-दो मिनट बोलने का मौका दिया जायेगा। इसके अलावा किसी को भी बोलने नहीं दिया जाएगा। इस पर पूर्व विधायक अमीरचंद मक्कड़ के पौत्र एवं पिछली बार हांसी हलके से जजपा के प्रत्याशी रहे राहुल मक्कड़ व अन्य ने आपत्ति जताई। राहुल मक्कड़ ने कहा कि शोकसभा में लोगों के बोलने की भी भीड़ लग जाती है, इसलिए उनका मानना है कि शोकसभा में सिर्फ धार्मिक सत्संग होना चाहिए। यदि विधायक को बोलने का मौका दिया जाता है तो नगर परिषद के चेयरमैन को भी मौका मिलना चाहिए। बैठक के संचालक सतीश कालड़ा ने कहा कि इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए 15-सदस्यीय कमेटी गठित की जायेगी।