ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 12 जुलाई
राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के प्रत्याशी एवं पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा है कि अगर वह चुनाव जीते तो देश में सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग को तुरंत बंद करवाते हुए सरकार को भाईचारा मजबूत करने के लिए बाध्य करेंगे। सिन्हा मंगलवार को चंडीगढ़ दौरे पर रहे। यहां उन्होंने कांग्रेस के विधायकों के साथ बैठक की। वह हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान तथा अन्य विधायकों के साथ हरियाणा कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘आज पूरा देश खौफ के माहौल में जी रहा है। सरकारी एजेंसियों का राजनीतिकरण हो चुका है। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों ने सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया।’ एनडीए की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के सवाल पर यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को अगर आदिवासियों को इतनी चिंता है तो वह अपना पद छोड़कर आदिवासी को वहां बिठाएं, झूठे नारों व जुमलों से आदिवासी कल्याण संभव नहीं है।’
वित्त मंत्रालय संभाल चुके सिन्हा ने पूछा, ‘क्या प्रधानमंत्री देशवासियों को बताएंगे कि रुपये की कीमत क्यों गिर रही है।’ सिन्हा ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान देश की सत्तासीन सरकार के प्रति लोगों की विश्वसनीयता समाप्त हुई है। उन्होंने कहा, ‘सरकार जिन लोगों के लिए योजना लेकर आती है वही उसके विरोध में सड़कों पर आ जाते हैं। कृषि कानून तथा अग्निपथ योजनाएं इसका बड़ा उदाहरण हैं। आज बेरोजगारी व महंगाई को लेकर लोग सड़कों पर हैं।’
भाजपा में बोलने पर लग गई है रोक
लंबे समय तक भाजपा में रहने वाले एवं वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने कहा कि तब की भाजपा और आज की भाजपा में काफी अंतर है। पहले भाजपा में बोलने की आजादी थी। आज ऐसा नहीं है। कांग्रेस के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में कांग्रेस का अपना एक अलग स्थान है जिसे किसी भी सूरत में नकारा नहीं जा सकता।