सरकार ने डी पैनल कार्रवाई की तो सभी अस्पताल स्कीम से हो जायेंगे बाहर
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हरियाणा के आह्वान पर प्रदेश में आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज का बहिष्कार जारी है। इसी बीच एसोसिएशन ने बैठक कर चेतावनी दी है कि सरकार ने अगर किसी अस्पताल पर डी पैनल कार्रवाई की तो सभी अस्पताल स्कीम से बाहर हो जाएंगे। एसोसिएशन की बैठक यमुनानगर में डॉ. रैजिनाल्ड मसीह की अध्यक्षता में हुई। इसमे डॉ. चेतन भारज सचिव, डॉ. दीपिका अग्रवाल कोषाध्यक्ष सहित अन्य डॉक्टर शामिल हुए। इस अवसर पर डॉ. डीके सोनी ने कहा कि सरकार ने 6 अगस्त, 2025 को सूचित किया कि उन्हें 245 करोड़ रुपये मिले हैं, जिसमें से 175 करोड़ हरियाणा सरकार के और 70 करोड़ केंद्र सरकार के हिस्से के हैं। उन्होंने इसे वितरित करना शुरू किया है। हालांकि, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस राशि को अपर्याप्त बताया है, क्योंकि यह कुल दावों का एक छोटा हिस्सा है। सरकार ने देरी से भुगतान पर ब्याज न देने की बात दोहराई है, जबकि एमओयू के अनुसार इसकी मांग की गई थी। मुख्यमंत्री नायब सैनी और स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने कहा है कि यह एक प्रक्रिया है और क्लेम पास करने में समय लगता है।
उन्होंने कहा कि बजट की भारी कमी है, सरकार ने 2024-25 के लिए केवल 700-800 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जबकि वास्तविक आवश्यकता 2000-2500 करोड़ रुपये की है। उन्होंने कहा कि हाई-एंड ड्रग्स, टेस्ट और प्रोसीजर के पैसे निजी अस्पतालों को नहीं दिए जा रहे हैं। आयुष्मान पोर्टल में शिकायत दर्ज करने में भी दिक्कतें आ रही हैं, जिससे अस्पतालों को अपनी समस्याओं के समाधान में रुकावट आ रही है। उन्होंने कहा कि इस हड़ताल से हरियाणा के सभी 650 से 700 निजी अस्पताल प्रभावित हो रहे हैं। इसका सीधा असर लगभग 1.35 करोड़ आयुष्मान कार्ड धारकों पर पड़ रहा है, जिन्हें अब निजी अस्पतालों में मुफ्त या रियायती इलाज नहीं मिल पा रहा। उन्होंने बताया कि 14 अगस्त को स्थिति की समीक्षा करने और भविष्य की कार्रवाई तय करने के लिए बैठक रखी गई है।