ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 10 जून
राज्यसभा चुनावों को लेकर भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार द्वारा विधायकों की ट्रेनिंग कारगर सिद्ध हुई है। अगर यह ट्रेनिंग नहीं हुई होती तो बड़ा खेल इन चुनावों में हो सकता था। दरअसल, बड़ी संख्या में ऐसे विधायक हैं, जो पहली बार चुनकर आए हैं। इससे पहले उन्होंने कभी राज्यसभा चुनावों के लिए वोटिंग भी नहीं की। न्यू चंडीगढ़ के सुखविलास रिसोर्ट में हुई पोलिंग की मॉक ड्रिल के दौरान भी छह विधायकों के वोट रद्द हो गए थे।
इसी वजह से विधायकों की दो बार ट्रेनिंग हुई। इतना ही नहीं, उन्हें बारीकी से पूरी चुनाव प्रक्रिया के बारे में न केवल बताया गया बल्कि प्रेक्टिकल करके दिखाया गया। मॉक ड्रिल के दौरान रिसोर्ट में पूरा पोलिंग स्टेशन बनाया गया था। वहां बैलेट पेपर भी थे, पेन भी था, रिटर्निंग अधिकारी भी बनाया गया था और अलग-अलग जगहों पर चुनाव एजेंट भी बैठाए गए थे। विधायकों को किस तरह से बैलेट पेपर लेना है, कैसे उस पर नंबरिंग करनी है और फिर किस तरीके से अधिकृत चुनाव एजेंट को अपना वोट दिखाना है, यह बार-बार करके दिखाया गया।
दो दिन रिसोर्ट में रुके विधायकों ने इस प्रक्रिया को खुद किया। इसके बाद भी छह विधायकों के वोट रद्द होने पर नये सिरे से ट्रेनिंग हुई। इस ट्रेनिंग में मौजूद रहे एक मंत्री ने बातचीत में यह खुलासा किया। इतना ही नहीं, वोटिंग के दौरान कुछ विधायकों ने गलत पेन का भी इस्तेमाल किया। कुछ ने एजेंट को वोट दिखाने में गोपनीयता को पूरी तरह से नहीं बरता। कुछ ऐसे विधायक भी थे, जिनके बैलेट पेपर पर अंक को सीधे की बजाय उलटा लिख दिया गया।
गौरतलब है कि सत्ता पक्ष के अनेक विधायक पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं। उन विधायकों और अन्य को प्रशिक्षित करने के लिए भाजपा-जजपा गठबंधन की ओर से यह अायोजन किया गया था। इस दौरान सभी विधायकों को वोट डालने की प्रक्रिया से अवगत कराने के साथ ही उनका क्रम तय किया गया। यह भी तय किया गया कि पंवार के समर्थन में कौन-कौन से भाजपा विधायकों को वोट देना है और बाकी बचे नौ विधायकों का क्रम दूसरे उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा के लिए वोट देने का क्या रहेगा।
पंवार को छह निर्दलीय वोट कराए गए!
इस रिहर्सल में भाजपा के सभी चालीस, जजपा के 10 और छह निर्दलीय विधायक शामिल थे। बताते हैं कि जो छह वोट रद्द हुए, वे भी भाजपा विधायकों के थे। सूत्रों का कहना है कि इस ट्रेनिंग के दौरान ही सरकार ने यह सुनिश्चित किया था कि भाजपा प्रत्याशी कृष्ण लाल पंवार के लिए छह निर्दलीय विधायक वोटिंग करेंगे। इसके पीछे यह भी राजनीति हो सकती है कि भाजपा अपने विधायकों के वोटों की संख्या कार्तिकेय शर्मा के लिए बढ़ाना चाहती थी।