हरेंद्र रापड़िया/निस
सोनीपत, 3 अगस्त
महिला पहलवान सोनम मलिक की हार से निराश हैं, मगर हताश नहीं। इस युवा पहलवान में जबरदस्त क्षमता है, लेकिन आज उसने अपनी आक्रमकता की शैली को छोड़कर डिफेंसिव खेलकर बड़ी गलती कर दी। यही उसकी हार का कारण बना। अगर सोनम अपना नेचुरल गेम खेलती तो उसकी जीत तय थी। सोनम भले ही अपना पहला ओलंपिक खेल रही हो, मगर उसे खेल में उलटफेर करके पदक की दावेदार माना जा रहा था।
टोक्यो खेल गांव से भारतीय महिला कुश्ती टीम के मुख्य कोच कुलदीप मलिक ने दैनिक ट्रिब्यून से फोन पर बातचीत में यह खुलासा किया। मलिक ने बताया कि सोनम अपनी आक्रमक शैली, फुर्ती और स्ट्रैंथ के लिए जानी जाती है। वह अपने प्रतिद्वंद्वी पर जोरदार हमला बोलती है और उसे संभलने का मौका नहीं देती। अपनी इसी शैली की बदौलत पहले देश की पहलवानों को हराकर भारत की टीम में जगह बनाई और उसके बाद शानदार खेल के बूते ओलंपिक कोटा हासिल किया।
मुख्य कोच ने बताया कि पहली बार ओलंपिक खेल रही सोनम ने आज भी मैदान में उतरते ही अपनी प्रतिद्वंद्वी मंगोलिया की पहलवान पर शुरुआत में ही आक्रामक हमला बोल 2 अंक बटोर लिए थे, लेकिन अचानक उसके बाद एकदम डिफेंसिव हो गई। अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 2 अंकों की बढ़त को सुरक्षित नहीं माना जाता। सामने वाली पहलवान अच्छा दाव लगाकर एक बार में ही 2 से 4 अंक बटोर सकती है। आज सोनम द्वारा अपना स्वाभाविक खेल छोड़ना भारी पड़ा और मंगोलिया की पहलवान ने लैग अटैक करके एक साथ 2 अंक बटोर लिये।
हार से गांव में छाई मायूसी
टोक्यो ओलंपिक में 62 किलोग्राम भारवर्ग में खेलने उतरी भारतीय महिला पहलवान सोनम मलिक के गांव मदीना में सुबह उसका मुकाबला देखने से पहले ग्रामीणों ने गांव के शिव मंदिर और नेताजी सुभाषचंद्र बोस अकादमी में हवन यज्ञ करवाकर जीत के लिए दुआ मांगी। सोनम का मैच देखने के लिए सोनम के घर और अकादमी में बड़ी स्क्रीन लगाई गई थी। भारी संख्या में ग्रामीणों ने दोनों स्थानों पर मैच देखा। मंगलवार सुबह 8 बजकर 50 मिनट (भारतीय समयानुसार) पर शुरू हुआ। सोनम की शुरुआती बढ़त पर खूब तालियां बजी मगर वह बढ़त अंतिम क्षणों में बढ़त को बरकरार नहीं रख पाई। मुकाबले के अंतिम 35 सेकेंड में मंगोलिया की पहलवान ने 2 अंक बटोर कर पासा पलट दिया।
मां बोलीं- दिल टूटा है, हौसला नहीं
सोनम के पिता राजेंद्र मलिक, मां मीना मलिक और गांव स्थित अकादमी के संचालक पहलवान अजमेर मलिक ने कहा कि बेटी के हारने का दु:ख है मगर हम उसका हौसला नहीं टूटने देंगे। उसके आने के बाद कुछ दिन उसे आराम देंगे और फिर अगले ओलंपिक को मद्देनजर रखते हुए सोनम की तैयारी करवाएंगे। सोनम ने जूनियर वर्ग में होने के बावजूद सीनियर वर्ग के पहलवानों को पटखनी देकर अपनी अच्छी पहचान बनाई थी। इतना ही नहीं ओलिंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक को हराकर सोनम मलिक सुर्खियों में आई थी।
अगले ओलंपिक में लाएगी मेडल
”मुझे अपनी बेटी सोनम पर गर्व है। हार-जीत खेल के दो पहलू हैं। सोनम ने जोरदार मेहनत करके टोक्यो ओलंपिक का कोटा हासिल किया था। वह युवा है और उसके पास अगले ओलंपिक में मेडल जीतने के लिए मौका है। उसके खेल को देखते हुए हमें पूरा भरोसा है कि वह 2024 के ओलंपिक में मेडल अवश्य जीतेंगी।”
-राजेंद्र मलिक, सोनम के पिता
‘पैदल चाल’ आज
बहादुरगढ़ के राहुल रोहिल्ला आज 20 किलोमीटर की पैदल चाल में दमखम दिखाएंगे। उनके शानदार प्रदर्शन व पदक जीतने को लेकर बहादुरगढ़वासी उसकी जीत की दुआएं भी कर रहे हैं।