कुरुक्षेत्र, 14 जुलाई (हप्र)
अगर संभव हो तो प्रत्येक जिले में आयुर्वेदिक कालेज खोला जाए ताकि प्रत्येक बीमार व्यक्ति का आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज हो सके। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बृहस्पतिवार को श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के प्रांगण में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण पर 500 करोड़ रुपए की राशि खर्च हो रही है। इस राशि से आगामी 36 माह में विश्वविद्यालय के नए भवन का निर्माण करने का लक्ष्य है।
इस दौरान राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, विधायक सुभाष सुधा, आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. बलदेव धीमान, उपायुक्त मुकुल कुमार ने आयुष विश्वविद्यालय का अवलोकन किया और परिसर में पौधरोपण करके विश्वविद्यालय की तरफ से तैयार की गई आधुनिकतम आयुर्वेदिक लैब का निरीक्षण किया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कोरोना काल में किए गए कार्यों, नए शोधों, विश्वविद्यालय की 5 वर्षों की प्रगति पर तैयार पावर प्रेजेंटेशन की प्रशंसा की और कहा कि इस विश्वविद्यालय को स्थापित करने पर सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल बधाई के पात्र हैं। इस विश्वविद्यालय का निर्माण विधायक सुभाष सुधा के प्रयासों से गांव फतुपुर में उपलब्ध करवाई गई 103 एकड़ जमीन पर हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आयुष पद्धति देश के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई, इस पद्धति से लोगों का इलाज किया गया। इसलिए इस पद्धति को तेजी के साथ आमजन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाना चाहिए ताकि लोगों को आयुर्वेद पर भरोसा हो सके। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार आज एलोपैथी अपनी नवीनतम तकनीकी बहुत आगे बढ़ चुकी है और लोगों का भरोसा जीत चुकी है, प्रशासन को इस विषय को ध्यान में रखते हुए ही आयुष की इस पद्धति को आगे बढ़ाकर लोगों का भरोसा जीतने का काम करना है। देश में नई तकनीकी के लिए केंद्र सरकार से भी सहयोग लिया जा सकता है।