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दगा करे वो किसी से तो शर्म आए मुझे...!

आईपीएस वाई पूरन कुमार सुसाइड केस के बीच दिया संदेश

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ओपी सिंह, कार्यवाहक डीजीपी हरियाणा
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पुलिसकर्मियों से कहा - शेर और बकरी एक ही घाट पर पानी पिएं, जनता में भरोसा जगाएं

हरियाणा के नये डीजीपी ओपी सिंह का भावनात्मक लेटर

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हरियाणा के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने पद संभालने के 24 घंटे के भीतर ही पूरे पुलिस बल को एक प्रेरक और भावनात्मक पत्र लिखा है। यह पत्र न केवल पुलिसकर्मियों को कर्तव्यनिष्ठा का संदेश देता है, बल्कि संगठन के भीतर मनोबल और विश्वास बहाल करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है। आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के सुसाइड केस के बाद पूर्व पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया था।

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इस पृष्ठभूमि में 14 अक्तूबर को ओपी सिंह ने डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार संभाला। और अगले ही दिन, उन्होंने अपने पहले ही संदेश में पूरे पुलिस बल को ‘विश्वास, प्रेरणा और जिम्मेदारी’ का पाठ पढ़ाया। ‘वो मेरा दोस्त है... दगा करे वो किसी से तो शर्म आए मुझे’। कुछ इसी अंदाज में ओपी सिंह ने अपने पत्र की शुरुआत उर्दू के मशहूर शायर कतील शिफाई के शेर से की है। इस शेर के जरिए उन्होंने पुलिस बल के भीतर आपसी भरोसे, निष्ठा और पारदर्शिता की भावना को रेखांकित किया। डीजीपी ने कहा कि पुलिस को समाज में ऐसा वातावरण तैयार करना चाहिए, जहां ‘शेर और बकरी एक ही घाट पर पानी पीएं।’ यानी हर नागरिक को सुरक्षा और न्याय का समान अधिकार मिले।

पुलिस का कर्तव्य सबसे बड़ा धर्म

अपने पत्र में ओपी सिंह ने लिखा, ‘हिंसा और छलावा प्रकृति के स्वभाव में हैं, पर सभ्य जीवन इसका विरोध है। प्रजातंत्र का आश्वासन है कि शेर और बकरी एक ही घाट पर पानी पीएं—शेर को अपनी ताकत पर घमंड न हो, न ही बकरी को अपनी कमजोरी का मलाल।’ उन्होंने कहा कि यह संतुलन बनाए रखना पुलिस की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। जो लोग समाज और कानून के इस करार को नहीं मानते, उन्हें रोकना ही पुलिस का काम है।

आपके होने से लोग चैन की सांस लेते हैं

डीजीपी ने पुलिसकर्मियों से कहा कि वे अपने दैनिक कार्यों में राष्ट्र निर्माण की भूमिका को समझें। उन्होंने कहा कि आपके कारगर होने से लोग चैन की सांस लेते हैं, कारोबार बढ़ता है, रोजगार सृजित होते हैं और समाज व्यवस्थित होता है। उन्होंने लिखा कि पुलिस सिर्फ कानून लागू करने वाली संस्था नहीं, बल्कि लोगों की सुरक्षा और विश्वास की सबसे बड़ी गारंटी है। अपने पत्र में ओपी सिंह ने हरियाणा पुलिस के उन 84 शहीद कर्मियों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने ड्यूटी पर अपने प्राण न्यौछावर किए। देश और प्रदेश की निर्बाध तरक्की के लिए हमारे हजारों साथियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। मैं उनके सर्वोच्च बलिदान को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि ऐसे बलिदानों को याद रखना और उनके सपनों को पूरा करना हर पुलिसकर्मी का कर्तव्य है।

जनता को राहत, संरक्षण और सहयोग चाहिए

ओपी सिंह ने अपने पत्र के अंत में कहा कि जनता ने सदियों का कष्ट झेला है। अब वे पुलिस से राहत, संरक्षण और सहयोग की उम्मीद करती है। उन्होंने कहा - आपका आचरण ऐसा हो कि आप दूसरों के लिए प्रेरणा और विश्वास का स्रोत बनें। उन्होंने पुलिस से आग्रह किया कि वे सही के साथ खड़े रहें, चाहे इसके लिए कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।

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