Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

किसानों को प्रताड़ित किया तो भाकियू सड़कों पर उतरकर करेगी आंदोलन : विक्रम कसाना

कैथल, 23 अक्तूबर (हप्र) भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना ने मौजूदा भाजपा सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि धरतीपुत्र किसानों द्वारा पराली जलाए जाने पर दो साल तक उसकी फसल एम.एस.पी. पर न...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
कैथल के ढांड में युवा भाकियू हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना किसानों को संबोधित करते हुए। -हप्र
Advertisement

कैथल, 23 अक्तूबर (हप्र)

भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना ने मौजूदा भाजपा सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि धरतीपुत्र किसानों द्वारा पराली जलाए जाने पर दो साल तक उसकी फसल एम.एस.पी. पर न खरीदना व एफआईआर दर्ज करना भाजपा सरकार का किसान विरोधी होने का पुख्ता सबूत है। भाकियू सरकार के इस किसान विरोधी तुगलकी फरमान की कड़े शब्दों में निंदा करती है।

Advertisement

उन्होंने कहा कि कर्ज के बोझ तले दबे किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने की बजाए सरकार कुर्सी के नशे में मदहोश होकर निरंतर नमक छिड़कने का काम कर रही है जिससे किसानों में भारी रोष है।

Advertisement

ढांड में बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए विक्रम कसाना ने कहा कि हरियाणा के 336 किसान ब्लैकलिस्ट करके उनको दो साल तक मंडियों में अपनी फसल बेचने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। भाकियू (चढूूनी) सरकार मांग करती है कि जिले में जिन किसानों पर पराली जलाने के आरोप में दर्ज की गई एफआईआर तत्काल प्रभाव से रद्द करने के साथ सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ जारी किया गया तुगलकी फरमान भी वापस लिया जाए, नहीं तो भाकियू सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने पर विवश होगी। उन्होंने किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि किसान पराली जलाने से परहेज करें। इस बैठक में जिलाध्यक्ष गुरनाम सिंह फरल, युवा जिलाध्यक्ष विक्रम दुसैण, रणधीर बरसाना, ओमप्रकाश चदंलाना, गुरुमुख फरल, रामपाल मुंदडी, सुभाष बरसाना, भीम खनौदा सहित कई किसान उपस्थित थे।

‘फसलों को औने-पौने दामों पर लूटा’

युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना ने आरोप लगाया कि मंडियों में सरकार व अधिकारियों की सांठगांठ से हर बार किसानों की खून-पसीने की कमाई फसलों को औने-पौने दामों पर लूटा जाता है। इस बारे में सरकार ने कभी ठोस कदम नहीं उठाए और फसलों को कम भाव पर दोनों हाथों से लूटने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।

Advertisement
×