होटल में ठहरा अपराधी तो थाने को तुरंत जाएगी सूचना!
अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली और इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में राज्य ने पिछले 51 महीनों में से 37 महीनों तक शीर्ष स्थान पर दबदबा कायम रखा। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को यहां हुई 31वीं राज्य शीर्ष समिति की बैठक में डिजिटल पुलिसिंग व्यवस्था की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि पुलिस अब सिर्फ कानून लागू करने वाली एजेंसी नहीं, बल्कि डेटा-आधारित सुशासन और नागरिक विश्वास का प्रतीक बन चुकी है।
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ़ सुमिता मिश्रा ने बताया कि हरियाणा पुलिस ने नागरिक सेवाओं में राइट टू सर्विस डैशबोर्ड पर 10 में से 10 अंक हासिल किए हैं। ‘सरल पोर्टल’ के जरिए अब तक 75.97 लाख आवेदन समय पर निपटाए गए हैं। नागरिक अब सिर्फ दो मिनट में घर बैठे लापता व्यक्ति की रिपोर्ट ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं। इससे पुलिस की कार्रवाई तेज़ हुई है और परिवारों को तुरंत राहत मिली है।
डिजिटल जांच और वर्चुअल न्याय की दिशा में क्रांति
हरियाणा ने ई-अभियोजन संस्करण-2 से जुड़कर आरोप-पत्रों का इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण और डिजिटल फाइलिंग 100 प्रतिशत लागू कर दी है। इससे न्यायिक प्रक्रिया में देरी और त्रुटियों की गुंजाइश समाप्त हो गई है। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि अब राज्य में 27 मोबाइल क्राइम यूनिट्स सक्रिय हैं, जो मौके पर ही वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित कर जांच की गुणवत्ता बढ़ा रही हैं। अब तक 11,071 बायोमेट्रिक पंजीकरण किए जा चुके हैं, जो देश में सर्वाधिक हैं। ‘न्याय श्रुति’ पहल के तहत करनाल में शुरू हुई वर्चुअल कोर्ट पेशी प्रणाली से बंदियों और पुलिसकर्मियों की अनावश्यक आवाजाही घट गई है और मामलों का निपटारा तेज़ हुआ है।
 
 
             
            