जगाधरी, 5 सितंबर (निस)
एक हफ्ते बाद गणपति उत्सव शुरू होने वाला है, लेकिन कोरोना के कारण पिछले साल भी श्रद्धालु मन की नहीं कर पाए थे। ऐसे ही कुछ हालात इस बार भी हैं।
वहीं मूर्तिकार आशंका व उम्मीद के बीच गणपति महाराज की मूर्तियां तराशने में लगे हुए हैं। 10 सितंबर को श्री गणेश चतुर्थी है।
जगाधरी के सेक्टर-17 के नजदीक दर्जनों मूर्तिकार इन दिनों गणपति बप्पा की मूर्तियों को फाइनल टच देने में लगे हुए हैं। ये डेढ़ फीट से लकर 10 फीट तक की मूर्तियां तैयार कर रहे हैं। यहां पर राजस्थान के पाली जिले व पंजाब के कारीगर मूर्तियां बनाकर बेचते हैं। मूर्तिकार जीतराम, चेतन, राजू आदि का कहना है कि कोरोना ने उनका धंधा भी चौपट कर रखा है।
गत वर्ष भारी नुकसान झेलना पड़ा था। अबकि बार भी मंदी का डर सता रहा है। उनका कहना है कि डेढ़ फीट से 10 फीट उंची तक मूर्तियां बनाई जा रही है। यह ढाई सौ रूपये से 8 हजार रूपये तक की हैं। उनका कहना है कि पीओपी के मुकाबले मिट्टी से बनी मूर्तियां महंगी हैं।
ये मुंबई से मंगवाई गई हैं। श्रद्धालु यहां से पांवटा, नाहन, सहारनपुर, अंबाला, करनाल, विकासनगर आदि भी मूर्तियां लेकर जाते हैं।