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मांगों की अनदेखी से नाराज आईसीडीएस सुपरवाइजर आंदोलन की राह पर

पदोन्नति रोककर उत्पीड़न तथा स्थानांतरण और ड्यूटी में मनमानी के आरोप
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आईसीडीएस सुपरवाइजर्स वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा ने महिला एवं बाल विकास विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को तुरंत नहीं माना गया और कथित उत्पीड़न की नीति नहीं रोकी गई तो प्रदेशभर की सुपरवाइजर आंदोलन करने को मजबूर होंगी।

एसोसिएशन ने साफ कहा है कि इस स्थिति के लिए विभाग और सरकार जिम्मेदार होंगे। राज्य प्रधान सुशीला सिहाग, महासचिव निशा और उपप्रधान कुसुम चंदेल ने कहा कि विभाग ने पीएमएमवीवाई का बहाना बनाकर दो सुपरवाइजरों की पदोन्नति जानबूझकर रोकी हुई है। इस मुद्दे पर दोनों एसोसिएशन ने विभागीय अधिकारियों से दो बार मुलाकात भी की। हर बार आश्वासन तो मिला, लेकिन फाइलें आगे बढ़ाने पर रोक लगाने के मौखिक आदेश भी साथ में दे दिए गए। इससे कर्मचारी एसोसिएशन पदाधिकारियों से बातचीत तक करने से बच रहे हैं।

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एसोसिएशन ने विभाग पर सुपरवाइजरों के स्थानांतरण को मजाक बनाने का भी आरोप लगाया। उनका कहना है कि ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी तरह विफल साबित हुई है और अधिकारियों द्वारा सुझाए गए सुझावों को दरकिनार किया जा रहा है। वहीं, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनमाने ढंग से सुपरवाइजरों की ड्यूटी कार्यालय में लगाकर फील्ड का काम प्रभावित कर रहे हैं।

सुपरवाइजरों में बढ़ रहा रोष

एसोसिएशन ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की गलतियों का ठीकरा सुपरवाइजरों पर फोड़ा जा रहा है और उन्हें चार्जशीट थमाई जा रही है। यह रवैया बर्दाश्त से बाहर है। 23 सितंबर को हुई राज्य स्तरीय ऑनलाइन मीटिंग में फैसला लिया गया है कि यदि विभाग ने मांगों पर अमल नहीं किया तो मुख्यमंत्री से मुलाकात कर राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।

 

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