जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 28 अप्रैल
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीरेंद्र सिंह ने हिसार से अपने बेटे बृजेंद्र सिंह का टिकट कटने के बाद कोप भवन और निराशा में जाने की बजाय रविवार को अपने 2000 से ज्यादा समर्थकों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ का रास्ता एनएच 152-डी जींद से होते हुए जाता है। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस में भूपेंद्र हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला, कुमारी सैलजा और किरण चौधरी को एक साथ लाकर देश और प्रदेश में सत्ता परिवर्तन करेंगे। भाजपा को लेकर बीरेंद्र ने कहा कि 400 पार का नारा देने वाले 200 सीट भी नहीं जीत पाएंगे।
बैठक शुरू होते ही इसमें भारी संख्या में पहुंचे बीरेंद्र के समर्थकों ने बृजेंद्र सिंह काे कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर की। कुछ समर्थकों ने कहा कि वे चुनाव में कुछ भी कर देंगे। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि चुनाव में कुछ ऐसा-वैसा करने का सीधा मतलब भाजपा को फायदा पहुंचाना होगा और ऐसा किसी भी सूरत में नहीं होना चाहिए। हिसार को लेकर पार्टी ने जो फैसला किया है,
अब सभी को उसके साथ खड़ा होना है। उन्होंने कहा कि भाजपा 400 पार का नारा केवल इसलिए दे रही है, कि वह देश से लोकतंत्र को समाप्त कर सके और संविधान को बदल सके। बीरेंद्र ने समर्थकों की बैठक में बृजेंद्र सिंह से मुखातिब होते हुए कहा कि लोकसभा टिकट कटना बृजेंद्र सिंह के लिए पहला झटका है। बिरेंद्र ने कहा कि सत्ताधारी लोग देश में रूस के पुतिन और चीन के जिनपिंग जैसी व्यवस्था चाहते हैं। लेकिन जनता सब कुछ समझ चुकी है और इस बार ऐसा नहीं होने देगी।
इस मौके पर इस मौके पर पूर्व विधायक प्रेमलता, सज्जन श्योकंद, एचपीएससी के पूर्व सदस्य जय भगवान गोयल, शिवनारायण शर्मा, देवव्रत ढांडा, सोमबीर पहलवान, जसबीर कुंडू मौजूद रहे।
भाजपा में असहज महसूस कर रहे थे
समर्थकों की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में बीरेंद्र सिंह ने कहा कि वह 10 साल भाजपा में रहे, लेकिन शुरू से ही भाजपा में खुद को असहज महसूस करने लगे थे। ऐसी ही स्थिति बेटे बृजेंद्र सिंह की रही। ट्रेजेडी किंग का ठप्पा हटने के सवाल पर बीरेंद्र ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा के बड़े भाई जोगिंदर के निधन पर बड़ी संख्या में पूरे देश से बड़े नेता आए हुए थे। तब हुड्डा के पिता चौ. रणबीर सिंह ने कहा था कि लोग कहते थे रणबीर सिंह कभी सीएम नहीं बन पाएगा। आज देखो मेरा बेटा प्रदेश का सीएम है। उन्होंने कहा कि अगर राजीव गांधी की हत्या नहीं हुई होती तो वे प्रदेश के सीएम होते। उन्हें कभी अपनों ने सीएम नहीं बनने दिया तो कभी कोई और टांग अड़ा गया।