रोहतक, 27 जून (निस)
हम किसी का विरोध के लिए विरोध नहीं करते, मैं खुद सैनिक स्कूल का विद्यार्थी होने के नाते आधा सैनिक हूं, इसलिए सेना की कार्यप्रणाली को बखूबी समझता हूं। सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना से सेना कमजोर होगी और उसका संख्याबल कम होगा। पिछले तीन वर्षों में सेना की भर्ती नहीं होने से दो लाख स्थायी पद खाली हैं। सरकार को चाहिए था कि वह खाली पड़े पदों पर स्थायी भर्ती करती लेकिन एेसा करने की बजाय सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ की योजना ले आई। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोमवार को अंबेडकर चौक के नजदीक चर्च रोड पर कांग्रेस के धरने में शामिल होकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस दौरान रोहतक में बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भी लघु सचिवालय से लेकर धरनास्थल तक प्रदर्शन करते हुए प्रशासनिक कार्यालय की शिफ्टिंग का विरोध किया। पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा कि प्रशासनिक कार्यालयों को शिफ्ट नहीं होने देंगे।
पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा कि अगर यह योजना लागू हुई तो धीरे-धीरे हमारी सेना का संख्या बल घटकर छह लाख रह जाएगा। विशेषकर हरियाणा पर इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा। अब तक हरियाणा से हर साल पांच से सात हजार युवा सेना में भर्ती होते थे। अग्निपथ योजना के तहत अब सिर्फ 963 अग्निवीर ही भर्ती होंगे। भारतीय सेना का नाम पूरी दुनिया में सम्मान के साथ लिया जाता है, लेकिन केंद्र सरकार इजराइल का उदाहरण देकर देश पर अग्निपथ योजना को थोपना चाहती है। जबकि इजराइल और भारत की स्थिति अलग है। इजराइल जैसे छोटे देशों में बेरोजगारी नहीं है और वहां के लोगों को जबरदस्ती फौज में भेजा जाता है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम लगातार सेना में अहीर रेजिमेंट बनाए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार नमक, नाम और निशान के सिद्धांत को ही कमजोर करती जा रही है। नयी योजना के जरिए फौज के भीतर ही दो किस्म की फौज बनाई जा रही हैं, एक परमानेंट और एक टेंपरेरी, दोनों में सामंजस्य कैसे बैठेगा।
इस अवसर पर विधायक भारत भूषण बत्रा, शकुंतला खटक, पूर्व विधायक आनंद सिंह दांगी, पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा, पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा, बलराम दांगी, बार एसोसिएशन के प्रधान लोकेंद्र फोगाट, यशपाल पंवार, अजय सिंघानिया व अन्य उपस्थित रहे।
देश की सुरक्षा से प्रयोग होगा खतरनाक
हुड्डा ने कहा कि भारत की सीमा के एक तरफ पाकिस्तान और एक तरफ चीन है। ऐसे में देश की सुरक्षा के साथ इस तरह का प्रयोग करना खतरनाक साबित होगा। अगर सरकार कोई मिलिटरी रिफॉर्म करना ही चाहती है तो उसे पहले सभी प्रभावित वर्गों से बात करनी चाहिए। हुड्डा ने कहा कि यह योजना न देश हित में है, न देश की सुरक्षा के हित में, न फौज और न ही युवाओं के हित में है। हम देश की सेना को कमजोर नहीं होने देंगे। इसलिए कांग्रेस लगातार आंदोलनरत है।