बहादुरगढ़, 18 दिसंबर (निस)
नए कृषि कानूनों को लेकर टीकरी बार्डर पर किसानों का धरना लगातार 23वें दिन जारी रहा। शुक्रवार को धरना स्थल पर किसानों को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय बाक्सर खिलाड़ी व खेलों में देश के लिए सर्वोच्च पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न अवार्डी विजेंदर सिंह भी टीकरी बॉर्डर पर पहुंचे।
उन्होंने मंच से अपने संबोधन में किसानों की आवाज को और बुलंद किया। साथ ही कहा कि अगर किसानों से जुड़े काले कानूनों को केन्द्र सरकार वापस नहीं लेती तो वे अपना खेल रत्न अवार्ड वापस लौटा देंगे। विजेंद्र सिंह ने कहा,’मै यहां सिर्फ किसानों की सेवा करने आया हूं।’ खिलाड़ी होने के साथ वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाक्सर ने मंच से किसान एकता के नारे भी लगाए। उन्होंने टीकरी बार्डर पर लंगर सेवा भी की।
कृषि मंत्री की चिट्ठी भ्रमित करने वाली : किसान संगठन
झज्जर, 18 दिसंबर (हप्र)
केन्दीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर की किसानों के नाम लिखी गई चिट्ठी को किसान संगठनों ने भ्रमित करने वाली बताया है। किसान संगठनों के नेताओं का कहना है कि दरअसल कृषि मंत्री ने यह चिट्ठी किसानों को भ्रमित करने के लिए लिखी है।
चिट्ठी काे पढ़ा गया है, लेकिन इसमें किसानों के हक की कोई भी बात लिखी नहीं गई है जिससे साफ पता चलता है कि यह चिट्ठी एक तरह से किसानों को भ्रमित करने व आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन जारी रहेगा और कृषि मंत्री की चिट्ठी से किसानों पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के राज्य प्रधान विकास सीसर ने सुप्रीम कोर्ट से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की अपील की।
धरनास्थल पर पहुंचे पंजाबी कलाकार
सोनीपत, 18 दिसंबर (हप्र)
कुंडली बार्डर पर शुक्रवार को किसानों के बीच कई पंजाबी कलाकार पहुंचे। प्रसिद्ध पंजाबी गायब हरभजन मान ने जहां गायकी से समां बांधा और अपने भाषण से किसानों में उत्साह भरा। वहीं, पंजाबी कलाकार धर्मराज कर्मा अपनी टीम के साथ पहुंचे। उन्होंने सफाई रखने का संदेश किसानों को दिया। साथ ही बाबा की याद में शांति पाठ व गुरबाणी लगातार जारी रही। किसानों के धरने पर शुक्रवार को चहल-पहल रही। सर्दी से बचने के लिए उपाय भी किए गए। पंजाब से गद्दे भेजे गए, तो आसपास के क्षेत्रों से कंबल वितरित करने के लिए एक बार फिर समाजसेवी संस्थाएं पहुंचीं। सभास्थल पर महिलाओं की संख्या काफी रही।