भिवानी, 18 दिसंबर (हप्र)
इंसान का आज खुद पर ही भरोसा नहीं है। एक ख्याल और एक विचार पर टिक कर ही हम खुद पर भरोसा करना सीख सकते हैं। गुरु की शरण में जाकर हम अपने ख्यालात को पक्का कर सकते हैं। इस दुनिया में सबसे बड़ा रिश्ता गुरु-शिष्य का है। यह सत्संग विचार संत कंवर साहेब ने दिनोद गांव में स्थित राधास्वामी आश्रम में फरमाए। कंवर साहेब ने कहा कि संतों की शरणाई दीनता लाती है। दीनता भक्ति का आधार है। उन्होंने कहा कि जिसने सत्य को जान लिया उसको कुछ और जानने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि जैसी आपकी संगत होती है वैसी ही आपकी नियति हो जाती है। लोभी के संग में लोभ बढ़ेगा और ज्ञानी के संग में ज्ञान ही बढ़ता है।