जगाधरी, 5 जुलाई (निस)
पिछले करीब दो हफ्ते से जगाधरी आदि इलाकों में भीषण गर्मी पड़ रही है। एक हफ्ते से तो उमस ने बेहाल कर रखा है। पारा भी 40 के पार रहा है। मानसून की लेट लतीफी से पहाड़ी इलाकों से मैदानी इलाके में पशु लेकर आए पशुपालकों की परेशानी बढ़ा दी है। वहीं खराब मौसम से पशुओं की सेहत बिगड़ रही है। सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिकन गायें हो रही हैं। वहीं पशु चिकित्सक ऐहतियात बरतने की पशुपालकों को सलाह दे रहे हैं।
हर साल घाड़ क्षेत्र व शिवालिक पहाड़ी इलाके से सैकड़ों पशुपालक अपने पशु लेकर मैदानी इलाके में आ जाते हैं। ये बरसाती मौसम शुरू होने पर ही वापस जाते हैं। इस बार मानूसन की लेट लतीफी ने इनकी चिंता बढ़ा दी है। वहीं इसके अलावा उमस व गर्मी से पशुओं की सेहत बिगड़ रही है। विशेषकर अमेरिकन गायें बुखार की चपेट में आ रही हैं। इसके अलावा गर्भवती गायें व भैंसों की तबीयत भी उमस से बिगड़ रही है। पशुपालक तैयब, अल्लारखा, मूलाराम आदि का कहना है कि पशुओं की खुराक कम हो गई है। इसके अलावा दुधारु पशुओं का दूध काफी कम हो गया है। गायें खास तौर पर हीट स्ट्रोक की चपेट में भी आ रही हैं।
पशु चिकित्सकों ने दी ये सलाह
पशुपालन विभाग के पूर्व अधिकारी डा. संत भारद्वाज का कहना है कि यह मौसम पशुओं की सेहत खराब कर रहा है। 25 फीसदी के करीब अमेरिकन गायें बुखार की चपेट आ रही हैं। उमस व गर्मी से दुधारू पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता 30 प्रतिशत तक घट गई है। डा. भारद्वाज ने पशुपालकों को पशुओं को हवादार जगह पर रखने, ताजा पानी व चारा खिलाने, ताजे पानी से दिन में दो से तीन बार नहलाने की सलाह दी है। उनका कहना है कि तेज धूप में पशुओं को बाहर न निकालें।