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फरीदाबाद डीसी व नगर आयुक्त को मानवाधिकार का नोटिस

तीन मामलों में दिखाई नाराजगी
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फरीदाबाद के डीसी और नगर निगम आयुक्त को हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही, 20 हजार रुपये जुर्माना लगाए जाने की चेतावनी भी दी है। आयोग ने अवमानना के तीन अलग-अलग मामलों में यह कार्रवाई की है। आयोग सदस्य दीप भाटिया द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि आयोग की अवमानना न केवल कानून की अवहेलना है, बल्कि पीड़ितों के न्याय के अधिकार में भी बाधा उत्पन्न करती है।बुखारपुर गांव के इंद्रराज सिंह ने अपने गांव की सड़क की बदहालत के बारे में शिकायत दी थी। आयोग ने फरीदाबाद डीसी, पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें) के कार्यकारी अभियंता तथा तिगांव के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। 16 मई को डीसी द्वारा संबंधित अधिकारियों को पत्र जारी किए जाने के बावजूद आयोग को कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। न ही कोई अधिकारी आयोग के समक्ष उपस्थित हुआ।

इसी तरह दो मामलों में फरीदाबाद नगर निगम के किसी भी अधिकारी ने आयोग के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद उपस्थिति दर्ज नहीं कराई और न ही स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की। आयोग ने 22 अप्रैल को नगर निगम के किसी भी वरिष्ठ अधिकारी को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने और रिपोर्ट देने को कहा था। लेकिन आयोग के आदेश की अवमानना की गई। एनआईटी की कपड़ा कॉलोनी के दीपक त्रिपाठी ने फरीदाबाद में औद्योगिक इकाइयों द्वारा पर्यावरण मानकों के उल्लंघन और प्रदूषित जल के अनियमित निस्तारण को उजागर किया था।

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वहीं संजय कॉलोनी के रोहतास ने अपनी शिकायत में आयोग को एक गंभीर अवैध औद्योगिक गतिविधि के बारे में बताया था। यह रिहायशी क्षेत्र में बिना अनुमति चल रही है। इससे न केवल पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, बल्कि आम नागरिकों की स्वास्थ्य, सुरक्षा और शांति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। आयोग सदस्य दीप भाटिया ने फरीदाबाद डीसी और नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी किया है। दोनों अधिकारियों से यह स्पष्टीकरण मांगा गया है कि क्यों न उनके विरुद्ध प्रति केस 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाए।

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