चंडीगढ़, 6 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार के दावों को चुनौती देते हुए सर्व कर्मचारी संघ ने प्रदेश में किए गए सर्वे के आधार पर दावा किया है कि प्रदेश में इस समय न तो अस्पताल हैं और न ही डाॅक्टर। जब तक सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत नहीं किया जाता तब तक कोरोना जैसी महामारी पर काबू नहीं पाया जा सकता। सर्व कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान सुभाष लाम्बा और महासचिव सतीश सेठी तथा जन स्वास्थ्य अभियान हरियाणा के संरक्षक डॉ.रणबीर दहिया, संयोजक सतनाम व सह संयोजक सुरेश उचाना ने बताया कि हरियाणा में डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुसार कहीं पर भी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि पांच हजार की जनसंख्या पर एक सब सेंटर, तीस हजार की जनसंख्या पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 80 हजार से एक लाख 20 की आबादी पर एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होना चाहिए। हर उपमंडल व जिला मुख्यालय पर एक नागरिक अस्पताल भी होना चाहिए। इसके उलट हरियाणा के ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा पूरी तरह से बिगड़ा हुआ है। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि प्रदेश में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों, मेडिकल डॉक्टरों, स्टॉफ नर्सों, रेडियोग्राफरों, फार्मासिस्टों, लैब तकनीशियों और मल्टीपर्पज कैडर की भारी कमी है। फिलहाल प्रदेश में 2667 सब सेंटर, 532 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 128 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं।