अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 18 मई
प्रदेश के सरकारी प्राइमरी व मिडल स्कूलों में विद्यार्थियों को पिछले 2 वर्षों से किताबें मुहैया नहीं करवाई जा सकी हैं। नियमानुसार पहली से आठवीं के विद्यार्थियों को सत्र शुरू होते ही शिक्षा विभाग द्वारा किताबें मुहैया करवाई जाती हैं। पिछले 2 वर्षों से यह कहकर किताबें देने में विभाग ने देरी की कि कोरोना काल चल रहा है, लेकिन अब उम्मीद थी कि अप्रैल में सत्र शुरू होते ही बच्चों को किताबें मिल जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
किताबें न मिलने से अभिभावकों में रोष है। गांव पूर्णपुरा निवासी सूरत सिंह का कहना है कि बच्चे किताबें न मिलने की शिकायत करते हैं और जब अध्यापकों से बात की जाती है तो कोई भी सकारात्मक जवाब नहीं मिलता। गांव लेघां हेतवान स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला के एकमात्र अध्यापक राजेश का कहना है कि पिछले 2 वर्षों से स्कूल में बच्चों को किताबें नहीं मिल पाई हैं। उन्होंने कहा कि किताबों के अभाव में पढ़ाई प्रभावित होना स्वाभाविक है। बच्चों को पुरानी किताबों से फोटोस्टेट करवाकर या इधर-उधर से पुरानी किताबें मांग कर पढ़ाया जा रहा है।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रामअवतार शर्मा ने कहा कि प्राइमरी व मिडल स्कूलों को किताबें उपलब्ध करवाना शिक्षा विभाग निदेशालय का कार्य है। उन्होंने यह बताने में असमर्थता जताई कि किताबें कब तक मुहैया होंगी।