गुरुग्राम, 11 फरवरी (हप्र)
गगनचुंबी इमारतों के लिए मशहूर साइबर सिटी में लोगों को जीवनभर की कमाई खर्च करने के बाद भी सुरक्षित आशियाने नहीं मिल पा रहे हैं। वहीं निगरानी तंत्र द्वारा शिकायतों पर गंभीरता नहीं दिखाने का खमियाजा लोगों को ही भुगतना पड़ रहा है। चिंटेल्स पैराडिसो समेत दर्जनों हाईराइज टावर्स में घटिया निर्माण सामग्री इस्तेमाल होने की शिकायतें डीटीपी से लेकर सीएम कार्यालय तक कार्रवाई के इंतजार में लंबित हैं।
चिंटेल्स पैराडिसो में निवासियों को महज ढाई साल पहले ही अपने आशियानों पर कब्जा मिला था। जब लोग यहां रहने पहुंचे तो कुछ ही दिनों में इनकी खुशी काफूर हो गई। छतों का प्लास्टर झड़ना, सीलन आना, छत से पानी टपकना और फ्लोर टाइल्स उबड़-खाबड़ हो जाने संबंधी समस्याओं से निवासियों को रूबरू होना पड़ा।
यहां की रहने वाली सोनम अरोड़ा बताती हैं कि निर्माण सामग्री के घटिया इस्तेमाल की शिकायत डीटीपी कार्यालय से की गई थी। इस मामले में बिल्डर को नोटिस भी जारी किया गया लेकिन उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, अभी तक किसी को कुछ नहीं पता। वह कहती हैं उन्होंने दिसंबर 2021 में ही सीएम के आॅफिशियल ट्विटर हैंडल पर घटिया निर्माण की शिकायत की थी। इसी तरह एक और निवासी सुमन बताती हैं कि निर्माण कार्य की शिकायत कई महीने पहले सीएम विंडो पर भी की थी लेकिन अभी तक कोई उत्तर नहीं मिला। युनाइटिड एसोसिएशन आॅफ न्यू गुरुग्राम के प्रवीण मलिक का कहना है कि विभिन्न बिल्डर्स की एक दर्जन से अधिक हाईराइज सोसायटीज के निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल की शिकायतें विभिन्न स्तर पर लंबित हैं लेकिन अभी तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
सोसायटी वासियों की बढ़ी धड़कनें
हादसे के बाद से सोसायटी के निवासियों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं, ये बुरी तरह खौफजदा हैं। हादसा डी टावर में हुआ लेकिन दूसरे टावर्स में रहने वाले लोग भी काफी संख्या में यहां से फिलहाल दूसरे स्थानों पर चले गए हैं। पेशे से एक डाॅक्टर ने बताया कि हादसे के वक्त घर पर कोई मौजूद नहीं था लेकिन जब से यहां की हालत देखी है अपने फ्लैट में जाने का साहस ही नहीं जुटा पा रहे, इसलिए फिलहाल अपने पैतृक घर चले आए।
गंभीर तकनीकी गड़बड़ी से हुआ हादसा
तकनीकी जानकारों का कहना है कि यह हादसा गंभीर गड़बड़ियों के कारण हुआ है। रिटायर्ड एक्सईएन का कहना है कि मजबूती, अच्छी पकड़ और गुणवत्ता के लिए लेंटर पूरे फ्लोर का एक साथ डाला जाता है लेकिन प्राथमिक तौर पर ऐसा प्रतीत होता है कि डायनिंग रूम का लेंटर अलग से डाला गया जिसके कारण मकान के दूसरे हिस्सों से इसकी पकड़ नहीं बन पाई। इसमें अकेले निर्माण सामग्री की गुणवत्ता का दोष नहीं है। इसमें सीधे तौर पर आर्किटेक्ट व ठेकेदार से लेकर पूरी प्रशासनिक कड़ी जिम्मेदार है।