राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद, 14 सितंबर
अरावली वन क्षेत्र में बसे खोरी गांव में तोड़फोड़ कार्रवाई को करीब दो माह हो गए हैं, लेकिन लोगों को अभी तक पुनर्वास नहीं मिला है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बेघर लोगों को अभी तक पुनर्वास न किये जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जिन लोगों के आवेदन आ चुके हैं उनकी जांच कर एक सप्ताह में पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। आवेदन करने वालों को आवेदन मिलने से एक सप्ताह में प्रोविजनल अलॉटमेंट किया जाए। वहीं, अरावली वन क्षेत्र में बने फार्म हाउस-जमाई कॉलोनी व अन्य अवैध निर्माण को तोड़े जाने के मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई। इस मामले में अब अगली सुनवाई 20 सितंबर को निश्चित की गई है।
मजदूर आवास संघर्ष समिति ने खोरी कॉलोनी में बेघर हुए लोगों को पुनर्वास करने की सुप्रीम कोर्ट से मांग की है। नगर निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा कि प्रभावित लोगों को 2022 तक मकान आवंटित किए जाएंगे। क्योंकि जिन मकानों में बेघर हुए लोगों को शिफ्ट किया जाना है उनकी पहले मरम्मत करवाई जाएगी। इस पर कोर्ट ने पूछा इतना समय क्यों लगेगा। सरकार ने कोर्ट को बताया कि 6 सितंबर तक 2391 आवेदन आ चुके हैं। अभी भी लोगों के आवेदन जमा किए जा रहे हैं।