हिसार 26 अप्रैल (हप्र)
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हकृवि) के शोधार्थियों द्वारा हस्तशिल्प कुर्सी का डिजाइन विकसित करने पर भारतीय पेटेंट कार्यालय ने डिजाइन का पंजीकरण प्रदान किया है। इस डिजाइन को केंद्र सरकार की ओर से प्रमाण पत्र मिल गया है, जिसकी डिजाइन संख्या 386667-001 है। कुर्सी का डिजाइन विश्वविद्यालय के मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डा. मंजू महता की देखरेख में दो शोध छात्राओं आयशा और मीनू जाखड़ ने किया।
मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. मंजू महता एवं शोधार्थियों ने बताया कि इस कुर्सी में दो पैनल बनाए गए हैं, जो बाएं और दाएं दोनों तरफ हैं। दाएं पैनल का उपयोग ड्राइंग या पेंटिंग करते समय उपकरणों को रखने के लिए किया जा सकता है और बाएं पैनल का उपयोग ड्राइंग शीट को रखने के लिए किया जा सकता है। दोनों पैनल फोल्डेबल हैं जो अतिरिक्त जगह नहीं घेरते। पीठ समर्थन और कुशनिंग सीट व्यक्ति को पीठ दर्द और रीढ़ की हड्डी की चोट से बचाती है। लंबे समय तक बैठने पर आराम में सुधार के लिए एर्गोनोमिक फुट रेस्ट प्रदान किया गया है।
कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज ने बताया कि हकृवि ने विगत वर्षों में 119 तकनीकों के बौद्धिक संपदा अधिकारों की प्राप्ति हेतु भारतीय पेटेंट की डिजाइन व ट्रेडमार्क तथा कॉपीराइट आफिस में आवेदन किए, जिनमें से अभी तक 54 तकनीकों के लिए अधिकार प्रदान हुए है। पिछले 3 वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त करते हुए विश्वविद्यालय में 6 पेटेंट, 11 कॉपीराइट व 11 डिजाइन सहित कुल 28 बौद्धिक संपदा अधिकार प्राप्त हुए।
विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस के अवसर पर उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार किसी भी राष्ट्र व संस्थान की शोध गुणवत्ता, शैक्षिक स्तर का स्तंभ है।
इस अवसर पर ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा, स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता डॉ. केडी शर्मा, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. बीना यादव, सम्पदा अधिकारी एवं मुख्य अभियंता डॉ. एमएस सिद्धपुरिया, मीडिया एडवाइजर डॉ. संदीप आर्य एवं आइपीआर सैल के प्रभारी डॉ. विनोद सांगवान उपस्थित रहे।