कैथल, 7 अगस्त (हप्र)
आरकेएसडी महाविद्यालय कैथल में इतिहास संकलन समिति हरियाणा कैथल इकाई द्वारा एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप
में प्रसिद्ध समाजसेवी डा. शिवशंकर पाहवा ने शिरकत की। मुख्य वक्ता देश के जानेमाने इतिहासकार प्रो. बीबी भारद्वाज रहे।
प्रो. भारद्वाज ने राष्ट्रीय आंदोलन के भूले बिसरे स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया। उन्होंने चटगांव के नायक सूर्य सैन के बारे में बताया कि उन्होंने पांच दिनों तक चटगांव बंदरगाह पर कब्जा कर लिया था, इसमें अंग्रेजी सैन्य छावनी थी। वे तीन बार जेल गये। उन्हें फांसी की सजा हुई पर अंग्रेजी शासन ने क्रूरता से इतना मारा कि फांसी वाली रात ही उनकी मृत्यु हो गई। उनके अलावा रासबिहारी बोस एवं चापेकर बंधुओं के बलिदानों को याद करते हुए उन्होंने वेदना जताई कि इतिहास में इनके योगदान को न के बराबर स्थान मिला है। उन्होंने 17 वर्षीय खुशीराम को भी याद किया जिन्होंने पांच गोलियां खाकर लाहौर के मशहुर हीरा मंडी चौक पर तिंरगा लहराया था। डा. शिवशंकर पाहवा ने बाबा बंदा बहादुर बैरागी के जीवन परिचय, योगदान एवं उनकी शहादत को याद किया। प्रो. अमृत मदान ने बैठक की अध्यक्षता की। मंच संचालन जाने माने साहित्यकार व इतिहासविद कमलेश शर्मा ने किया। प्रो. अशोक अत्रि एवं राजेश भारती ने कार्यक्रम का संयोजन किया। इस अवसर पर प्रो. हरीश झंडई, रिसाल जांगडा़, सतीश शर्मा, मधु गोयल एवं नीरू मैहता ने राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत कविता पाठ किया।