Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छाये नारनौल जिले के ऐतिहासिक स्थल

हरियाणा फिल्म एवं मनोरंजन नीति के तहत दो करोड़ तक की सब्सिडी
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

चंडीगढ़, 4 मई (ट्रिन्यू)

मुंबई के जीओ वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में चल रहे विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स-2025) में नारनौल की ऐतिहासिक इमारतें फिल्म निर्माताओं को आकर्षित कर रही हैं। सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा द्वारा लगाई गई पैवेलियन में न केवल राज्य के एेतिहासिक स्थलों को दिखाया जा रहा है बल्कि हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत भी प्रदर्शित की जा रही है।

Advertisement

सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के संयुक्त निदेशक नीरज कुमार ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि विभाग के महानिदेशक केएम पांडुरंग के मार्गदर्शन में यह पैवेलियन लगाया है। इसका मुख्य मकसद फिल्मकारों को हरियाणा में फिल्म बनाने के लिए आकर्षित करना है। इस पैवेलियन में नारनौल शहर के ऐतिहासिक स्थान विशेष रूप से छाए हुए हैं। इनमें जल महल, महेंद्रगढ़ का किला, राय बाल मुकुंद का छत्ता, ढोसी हिल्स की वीडियो लगातार प्रदर्शित की जा रही हैं, जो बॉलीवुड और हॉलीवुड की प्रसिद्ध कंपनियों को लुभा रही हैं।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में दुनिया के 130 देशों से कला, संस्कृति, मीडिया, फिल्म और टेक्नोलॉजी से जुड़ी प्रमुख कंपनियां और दिग्गज हस्तियां शामिल हुई हैं।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने ‘हरियाणा फिल्म एवं मनोरंजन नीति-2022’ के तहत सब्सिडी देने का प्रावधान भी किया है। इसके तहत चयनित फिल्मों को 50 लाख रुपये से लेकर दो करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य न केवल राज्य की लोक संस्कृति को संरक्षित करना और बढ़ावा देना है बल्कि सिनेमा के माध्यम से लोगों को स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करना भी है। साथ ही, इस पहल का उद्देश्य राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करना है।

Advertisement
×