गुरुग्राम, 17 जनवरी (हप्र)
पटौदी में अतिक्रमण हटाने पहुंचे नगर पालिका के दस्ते को स्थानीय दुकानदारों के विरोध के बाद बैरंग लौटना पड़ा। कई घंटे चले हाईवोलटेज ड्रामे के बाद पालिका प्रशासन ने दुकानदारों को सिर्फ नसीहत देकर ही अपने कर्तव्य की पूर्ति कर दी। व्यापारियों ने ऐलान किया कि दुकानदारों को परेशान करने वाली पालिका की कार्रवाई का भविष्य में भी विरोध किया जाएगा।
सोमवार को पटौदी नगरपालिका का दस्ता बिलासपुर मुख्य सड़क पर अतिक्रमण हटाने की मुहिम को अंजाम देने पहुंचा था। इस दौरान दस्ते ने जेसीबी की सहायता से दुकानों के बाहर लगे टीन शेड व पक्के बने चबूतरों को तोड़ने की कार्यवाही शुरू कर दी। इस कार्रवाई का नेतृत्व डयूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर फर्रूखनगर के नायब तहसीलदार रणसिंह गोदारा कर रहे थे। कुछ ही देर में व्यापारी इस कार्रवाई का विरोध करने लगे। टीम के साथ ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार ने दुकानदारों
के विरोध को देखते हुए पीडब्ल्यूडी बी एंड आर के अधिकारियों से बातचीत की और वहां से चले गए। लेकिन करीब 2 घंटे बाद अधिकारी दोबारा से पहुंच गए और सड़क की नपाई का कार्य शुरू कर दिया।
आरोप है कि अधिकारी जान बूझकर दुकानों को भी अतिक्रमण के दायरे में बताने लगे। गुस्साए दुकानदार फिर से टीम के साथ उलझ गए। इन्होंने आरोप लगाया कि निर्धारित तरीके से नपाई करने की बजाय अधिकारी अपनी मनमर्जी कर रहे हैं। करीब छह घंटे चले इस हाईवोल्ट ड्रामे के बाद अधिकारियों ने चेतावनी दी कि सड़क के दोनों ओर बने नाले पर अतिक्रमण नहीं किया जाए।