भिवानी, 27 मार्च (हप्र)
हरियाणा के ब्राह्मण, ओबीसी और एससी समाज ने भूमि सुधार कानून के लिए पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हाईकोर्ट का आभार व्यक्त किया है। क्योंकि हुड्डा सरकार के बनाए कानून को हाईकोर्ट ने पूरी तरह संवैधानिक करार देते हुए इसकी सरहाना की है।
कांग्रेस नेता प्रदीप गुलिया ने कहा कि हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में विभिन्न वर्गों को भूमि का मालिकाना हक देने के लिए हुड्डा सरकार ने दोहलीदार, बूटीमार, भोंडेमार और मुकरारीदार अधिनियम 2010 लागू किया था। इसका मकसद बरसों पहले अलग-अलग गांवों में अन्य स्थान से आकर बसे उन वर्गों को जमीन का मालिकाना हक देना था, जिन्हें पंचायतों व अन्य किसी ने जमीन दान में दी थी।
लाभार्थियों में ब्राह्मण, पुरोहित, पुजारी, जांगड़ा ब्राह्मण, नाई, प्रजापत, लौहार, वाल्मिकी, धानक, गोस्वामी, स्वामी, बड़बुजा, धोबी, तेली अन्य कारीगर वर्गों शामिल थे। बरसों से दान में ली गई जमीन पर रहने, बसने व खेती करने के बावजूद इन वर्गों को जमीन का मालिकाना हक नहीं मिल पाया था। इसलिए न वे इस जमीन को बेच सकते थे और न ही किसी तरह का लोन ले सकते थे। इसके चलते हुड्डा सरकार ने कानून बनाकर उन्हें मालिकाना हक देने का फैसला लिया।
2018 में भाजपा पी सरकार ने हुड्डा सरकार के कानून को निरस्त कर दिया। कांग्रेस ने इस मुद्दे को बार-बार विधानसभा में भी उठाया लेकिन बहुमत के जोर पर भाजपा ने 2010 के कानून में संशोधन करके लाभार्थियों से जमीन वापस लेने का कानून पास कर दिया।