रोहतक, 4 जुलाई (निस)
साध्वी यौन शोषण मामले में सुनारियां जेल में बीस साल की सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को नकली बताने वाली याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया और याचिकाकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाई है।
उच्च न्यायालय ने याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह की अर्जी दायर करते वक्त दिमाग का भी इस्तेमाल करना चाहिए, हाईकोर्ट इस तरह की याचिका सुनने के लिए नहीं है।
दरअसल, अम्बाला, चंडीगढ़ व पंचकूला के रहने वाले कुछ लोगों ने अपने आप को राम रहीम के अनुयायी बताते हुए उच्च न्यायलय में अर्जी दायर की थी कि जेल से पैरोल पर लौटे राम रहीम नकली हैं और इसकी जांच करवाई जाए।
याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय में गुरमीत राम रहीम के नकली होने की कई दलीलें भी पेश की और बताया कि बाबा के हाव-भाव बिल्कुल अलग दिखाई दे रहे हैं और असली राम रहीम का तो राजस्थान में अपहरण कर लिया गया था। सोमवार को हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि कहीं आप मूवी तो नहीं देख रहे थे, याचिका दायर करते वक्त दिमाग का भी इस्तेमाल करना चाहिए। डेरा प्रमुख इस वक्त एक माह की पैरोल पर हैं और वे यूपी के बागपत स्थित आश्रम में रह रहे हैं।
डेरा प्रबंधन से जुड़े श्रद्धालुओं ने कहा कि इस तरह की हरकतें डेरे व राम रहीम की छवि को धुमिल करने के लिए की गई थी, लेकिन उन्हें न्यायलय पर पूरा भरोसा था कि अदालत सही फैसला करेगी।